खिलाड़ियों के खराब प्रदर्शन की वजह पीठ दर्द
नई दिल्ली, 7 अप्रैल (आईएएनएस)। 'आयोडेक्स डबल पावर' द्वारा अंतर्राष्ट्रीय चेन्नई ओपन में कराए गए एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई कि 46 प्रतिशत खिलाड़ियों के खेल में गिरते प्रदर्शन की वजह उनकी पीठ दर्द है।
नई दिल्ली, 7 अप्रैल (आईएएनएस)। 'आयोडेक्स डबल पावर' द्वारा अंतर्राष्ट्रीय चेन्नई ओपन में कराए गए एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई कि 46 प्रतिशत खिलाड़ियों के खेल में गिरते प्रदर्शन की वजह उनकी पीठ दर्द है।
फिटनेस मैनेजमेंट के संदर्भ में यह अध्ययन चेन्नई ओपन में भाग लेने वालों व अन्य टेनिस अकादमियों के खिलाड़ियों पर किया गया। अक्सर जोर के शॉट मारने से पीठ दर्द होता है जबकि गेंद को गलत ढंग से मारने से कंधे व पीठ की पेशियों पर खिंचाव आता है।
अध्ययन के अनुसार अलग-अलग कारणों से हर साल तीन में से एक खिलाड़ी चोटिल होता है। इस सर्वेक्षण में पता लगा कि 23 प्रतिशत पीठ या कमर दर्द के मामले चोट लगने की वजह से होते हैं जबकि 31 प्रतिशत मामलों में व्यायाम के कारण दर्द होता है।
दर्द कम करने के लिए आराम व दवाओं का सहारा लिया जाता है। ज्यादातर (31 प्रतिशत) खिलाड़ी दर्द से राहत पाने के लिए दवा का सहारा लेते हैं और 26 प्रतिशत रिलेक्सेशन तरीके प्रयोग में लाते हैं। 46 प्रतिशत लोग व्यायाम, आराम व दवाओं के संयोजन से दर्द कम करते हैं। जबकि 23 प्रतिशत खिलाड़ी ऐसे हालात में बिल्कुल दवा नहीं लेते।
सर्वेक्षण में यह बात भी सामने आई कि इन दिनों दर्द निवारण के लिए स्प्रे का 31 प्रतिशत इस्तेमाल बढ़ गया है। 8 प्रतिशत लोग दर्दनिवारक दवाएं लेते हैं और 15 प्रतिशत आयोडेक्स डबल पावर जैसे मलहम का प्रयोग करते हैं जबकि 23 प्रतिशत खिलाड़ियों के अनुसार दर्द अधिक होने पर वे इन दोनों का इस्तेमाल करते हैं।
चेन्नई ओपन के एक प्रतियोगी जिम थॉमस कहते हैं, "स्वस्थ जीवनशैली के लिए मैं कार्डियो एक्सरसाइज करने के बजाय खेलना ज्यादा पसंद करूंगा। खेल के दौरान कंधे, घुटने, कलाई या कोहनी पर चोट लग सकती है लेकिन यदि दर्द देर तक रहता है तो उसे फिजिकल थेरेपिस्ट की मदद से बर्फ, आराम या दबाव से तुरंत ठीक किया जा सकता है।"
सर्वेक्षण में 13 अंतर्राष्ट्रीय व 36 राष्ट्रीय खिलाड़ियों को शामिल किया गया जिनमें राफेल नडाल, कार्लोस मोया, रेनर शुटलर, जेवियर मैलिसे, जॉर्न फाउ, इवो कार्लोविक, करण रस्तोगी, मार्टिन लिलिक, एलेग्जेंडर पी., बार्तोलोम साल्वा-विडाल, प्रकाश अमृतराज और सांन्चे रातिवाना मुख्य हैं।
नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के ऑर्थोपेडिक्स विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. जॉन बेरा के अनुसार, "टेनिस का खिलाड़ी जब जिस्म को खींचते हुए पीछे झुक कर सर्विस स्ट्रोक लगाता है तो रीढ़ के छोटे जोड़ों व नाजुक उत्तकों पर दबाव पड़ता है। इस वजह से पीठ दर्द हो सकता है।"
"टेनिस के वे पुराने खिलाड़ी जिन्हें आर्थराइटिस की समस्या है, उन्हें पीठ दर्द की समस्या सबसे ज्यादा पेश आती है। कंडीशनिंग प्रोग्राम व वार्मअप क्रियाओं से पेट व पीठ की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इससे कमर की लोच में इजाफा होता है और टेनिस खेलने से होने वाले पीठ दर्द में कमी आती है।"
गौरतलब है कि कुछ महीने पहले हेल्थ इंडिया ने भी पीठ दर्द के मुद्दे पर एक सर्वेक्षण किया था जिसमें पता लगा था कि शहरी लोगों में जन यातायात के साधनों की वजह से पीठ दर्द की समस्या पेश आ रही है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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