Surya Grahan 2021: जानें कब लगेगा 2021 का आखिरी सूर्य ग्रहण? जानिए टाइमिंग और इसका प्रभाव
नई दिल्ली, 19 नवंबर: चंद्रग्रहण हो या फिर सूर्यग्रहण दोनों को ही लेकर लोगों के बीच काफी उत्सुकता होती है। साल का आखिरी आंशिक चंद्रग्रहण अभी जारी है। इसे दुनिया के कई हिस्सों में देखा जा सकता है। इतनी लंबी अवधि का चंद्रग्रहण तकरीबन 6 सौ साल बाद देखने को मिलेगा। चंद्र ग्रहण के 15 दिन बाद साल का आखिरी और दूसरा सूर्य ग्रहण लगेगा। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रहण को एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना माना जाता है। सूर्य ग्रहण का ज्योतिषीय के साथ वैज्ञानिक महत्व भी है।
अंतिम सूर्य ग्रहण आगामी 4 दिसंबर 2021 को
साल 2021 में दो सूर्यग्रहण पड़ रहे हैं, इनमें से एक 10 जून को सूर्यग्रहण पड़ चुका है, हिंदू पंचांग के अनुसार, वर्ष 2021 को दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण आगामी 4 दिसंबर 2021, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को लगेगा। साल का आखिरी सूर्य ग्रहण अंटार्कटिका, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका में दिखाई पड़ेगा। इस ग्रहण को भारत में नहीं देखा जा सकेगा।
सूर्य ग्रहण सुबह 10 बजकर 59 मिनट पर शुरू हो जाएगा
सूर्य ग्रहण सुबह 10 बजकर 59 मिनट पर शुरू हो जाएगा, जो लगभग चार घंटे बाद दोपहर 03 बजकर 07 मिनट पर समाप्त होगा। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से इस ग्रहण का काफी महत्व है। इसका असर सभी 12 राशियों पर पड़ेगा। ज्योतिष शास्त्र अनुसार ग्रहण के दौरान चंद्रमा और बुध ग्रह अस्त रहेंगे, जबकि राहु और केतु वक्री रहेंगे। 04 दिसंबर 2021 को लगने वाले सूर्य ग्रहण में सूतक काल मान्य नहीं होगा।
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आंशिक या उपछाया होने पर सूतक नियमों का पालन अनिवार्य नहीं होता है
यह सूर्य ग्रहण उपछाया ग्रहण होगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पूर्ण ग्रहण होने पर ही सूतक काल मान्य होता है। आंशिक या उपछाया होने पर सूतक नियमों का पालन अनिवार्य नहीं होता है। चार दिसंबर को मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की अमावस्या है। ग्रहण का सिंह, मकर और कुंभ राशि वालों पर प्रभाव पड़ेगा। सूर्य देव सिंह राशि के स्वामी हैं। इस दौरान ये राशि वाले वाद-विवाद से दूर रहें। वाहन आदि इस्तेमाल करते हुए सावधानी बरतें और अधिक वाचाल होने से बचें।
क्यों लगते हैं सूर्यग्रहण
खगोल शास्त्रियों के मुताबिक, जब जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है, वह स्थिति सूर्य ग्रहण की होती है। इस दौरान चंद्रमा सूर्य की रोशनी को आंशिक या पूर्ण रूप से अपने पीछे ढंकते हुए उसे पृथ्वी तक पहुंचने से रोक लेता है। ऐसी स्थिति में रोशनी के नहीं पड़ने पर पृथ्वी पर अंधेरा छा जाता है। इसी खगोलीय घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है।