बच्चों में भारत पहले का भाव पैदा करना ही देशभक्ति करिकुलम का मकसद: केजरीवाल
नई दिल्ली: बच्चों के अंदर हमेशा भारत पहले का भाव पैदा करना ही देशभक्ति करिकुलम का मकसद है। इस करिकुलम के तीन उद्देश्य हमेशा भारत पहले, स्वतंत्रता सेनानियों को याद रखना और अपनी नागरिक जिम्मेदारियों को समझना है। उक्त बातें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कही। वह बुधवार को देशभक्ति करिकुलम की पहली वर्षगांठ के अवसर पर त्यागराज स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी मौजूद रहे। इस दौरान छात्रों व शिक्षकों ने अपने अनुभवों को साझा किया।
केजरीवाल ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में सरकारी स्कूलों में तीन नए कोर्स हैप्पीनेस, आंत्रप्रिन्योरशिप और देशभक्ति कक्षाएं शुरू किए गए हैं। हैप्पीनेस क्लास में बच्चों को अच्छा इंसान और देशभक्ति कक्षा में अच्छा नागरिक बनना सिखाया जाता है, जबकि आंत्रप्रिन्योरशिप कक्षा में बच्चों को कम से कम अपना पेट पालने लायक बनना सिखाया जाता है। दुनिया में ये तीनों कोर्स पहली बार दिल्ली में प्रयोग किए जा रहे हैं और एक दिन यहां से निकल कर ये कोर्स पूरी दुनिया में फैलेंगे।
केजरीवाल ने कहा कि सभी शिक्षक हर बच्चे में भारत को नंबर वन बनाने का विचार अवश्य भरें, ताकि हर बच्चा इस भाव के साथ स्कूल से निकले कि उसे भारत को नंबर एक बनाना है। यदि 130 करोड़ लोग भारत को नंबर वन बनाने के भाव के साथ काम करने लग गए, तो भारत को नंबर वन बनने से कोई नहीं रोक सकता।
वहीं, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार ने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए शानदार कक्षाएं, स्कूल इमारत बनवाए, शिक्षको को आईआईएम व फिनलैंड जैसी जगह पर प्रशिक्षण दिया। इसका सकारात्मक परिणाम यह आया कि दिल्ली सरकार के स्कूलों के बच्चों का परिणाम शत प्रतिशत आने लगा है। आज दिल्ली सरकार के स्कूलों का वातावरण शानदार हो गया है। सरकारी स्कूल के बच्चे नीट व जेईई जैसी परीक्षाओं को पास कर रहे हैं। सरकार ने बच्चों को बेहतर व खुश इंसान बनाने के लिए हैप्पीनेस माइंडसेट करिकुलम की शुरुआत की है।
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बच्चे नौकरी मांगने वाली नहीं बल्कि प्रदान करने वाले बने, इसके लिए आंत्रप्रिन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम की शुरुआत की गई। इसके बाद मुख्यमंत्री ने विजन दिया कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के साथ कट्टर देशभक्त भी बनाया जाए। इस विजन को पूरा करने के लिए सरकार ने देशभक्ति पाठ्यक्रम की शुरुआत की है।