पावर संकट: बिहार के उद्योगों और प्रमुख शहरों को बिजली पूरी, गांवों में कटौती
पटना, 14 अक्टूबर: देशभर में कोयले की कमी के कारण बिजली संकट बना हुआ है। बिहार में सरकार ने बिजली संकट को देखते हुए प्लान तैयार किया है। बिजली संकट के कारण प्रदेश में समस्या न हो इसके लिए सरकार ने रोटेशन प्लान शुरू कर दिया है। राज्य में उत्पादन में कोई कमी हो न हो इसके लिए सरकार ने औद्योगिक क्षेत्रों में प्राथमिकता के साथ बिजली देने का फैसला लिया है। इसके बाद राजधानी पटना समेत प्रमुख शहरों और मुख्यालयों को संकट के बीच बिजली आपूर्ति के लिए प्राथमिकता पर रखा है।
देशभर में कोयले की कमी के कारण बिजली संकट लंबा खिंच सकता है, जिसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी है। अधिकारी दावा कर रहे हैं है कि बिजली संकट के बीच गांवों को कम से कम 15 घंटे बिजली की आपूर्ति मिल सकें। ग्रामीण फीडरों को क्रमवार तरीके बिजली आपूर्ति के निर्देश दिए गए हैं। आपातकाल से जुड़े अस्पतालों और अन्य संस्थानों को प्राथमिकता के साथ बिजली आपूर्ति के लिए कंपनी ने इंजीनियरों को निर्देश दिए हैं।
कोयला मंत्री बोले- बिजली उत्पादन के लिए कोयले की कमी नहीं
बिहार में कंपनी ने त्योहारों के लिए ग्रामीण इलाकों में फीडर रोटेशन पर काम करना शुरू कर दिया है। अगर किसी भी गांव में दो फीडर होंगे तो दोनों को एक अनुपात में बिजली रोटेशन के आधार पर मिलेगी। ऐसे में बिजली संकट के बीच आने वाले कई बड़े त्योहारों का मजा भी खटाई में पड़ता दिख रहा है।