आंध्र प्रदेश सरकार के सर्वे के बाद 8 हजार से अधिक बच्चों ने स्कूलों में लिया एडमिशन, पहले करते थे खेती
गुंटूर, अक्टूबर 27। देश में सर्व शिक्षा अभियान के होते हुए आज भी कई बच्चे शिक्षा से वंचित हैं। ऐसे बच्चों की पहचान के लिए आंध्र प्रदेश सरकार ने एक सर्वे कराया था, जिसके नतीजों से पता चला था कि राज्य के अंदर 18 साल से कम उम्र के 11,968 बच्चे स्कूलों से दूर थे। इन बच्चों को स्कूलों में दाखिला दिलाने के लिए सर्वेक्षकों ने बच्चों के परिवारवालों को उन्हें स्कूल भेजने के लिए प्रोत्साहित किया गया। इसी का नतीजा है कि अब इनमें से 8,631 छात्रों ने स्कूलों में दाखिला ले लिया है। इनमें 3,495 बच्चे हॉस्टल में 1,524 गैर-आवासीय स्कूलों में, 1,683 ने मदरसों में और 77 ने आवासीय स्कूलों में प्रवेश मांगा। उन्हें रिक्तियों और परिवहन सुविधाओं के आधार पर उनकी पसंद के संस्थानों में प्रवेश दिया गया है।
आपको बता दें कि राज्य के शिक्षा विभाग के द्वारा किए गए इस सर्वे में सर्वेक्षकों ने कोरोना महामारी के बीच 650 से अधिक घरों में जा-जाकर ये सर्वे किया था। इस सर्वे में कुल 11,968 बच्चे स्कूल नहीं जा रहे थे। इनमें 5,223 बच्चों की उम्र 14 साल से कम थी। शिक्षा विभाग के इस सर्वे में सामने आया था कि जो बच्चे स्कूलों से दूर हैं, उनमें से अधिकतर बच्चे खेतीबाड़ी में अपने माता-पिता की मदद कर रहे हैं। इस सर्वे के दौरान बच्चों के परिजनों को शिक्षा का महत्व बताते हुए सर्वेक्षकों ने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रोत्साहित किया था।
जॉइंट कलेक्टर राजकुमारी ने बताया है कि अभी भी 3,337 ऐसे बच्चों की पहचान की गई है, जो सर्वेक्षण पूरा होने के बाद भी स्कूलों में नहीं जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन बच्चों को कक्षाओं में वापस लाने के लिए एक सर्वेक्षण किया जाना चाहिए। उन्होंने लाइन विभाग और एपी सर्व शिक्षा अभियान के अधिकारियों से राज्य सरकार द्वारा लागू की जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाने और जिले में 100 प्रतिशत साक्षरता दर के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी बच्चों को स्कूलों में प्रवेश सुनिश्चित करने का आग्रह किया।