पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली के लिए भारत में इको र्रिटीट का मार्ग प्रशस्त कर रहा है ओडिशा
ओडिशा ने पर्यावरण के अनुकूल तरीके और जीवन शैली के लिए देश में एक अनोखी पहल की है। राज्य ने रमणीय रामचंडी समुद्र तट पर शानदार कैंपिंग के लिए एक इको रिसॉर्ट स्थापित किया है।
नई दिल्ली, 23 फरवरी। मानव जनित गतिविधियों की वजह से हाल के वर्षों में जलवायु परिवर्तन के कारण सर्दियों और गर्मियों की अवधि में बढ़ोत्तरी के साथ अधिक मौसमी प्रतिकूलता भी देखी दी गई हैं। इस तरह के मौसमी बदलाव लोगों को समय पर पर्यावरण को बचाने के बारे में सही निर्णय लेने तथा दुनिया को रहने का एक बेहतर स्थान बनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
ओडिशा ने पर्यावरण के अनुकूल तरीके और जीवन शैली के लिए देश में एक अनोखी पहल की है। राज्य ने रमणीय रामचंडी समुद्र तट पर शानदार कैंपिंग के लिए एक इको रिसॉर्ट स्थापित किया है। इसकी थीम लहरों की आवाज के लिए सो जाओ और समुद्र के मनोरम ²श्य को देखते हुए उठो है। यह मनोहारी कैंप ओडिशा की समृद्ध ऐतिहासिक और स्थापत्य विरासत के अधिक रोमांचक अनुभवों का वादा करता है।
ई फैक्टर एक्सपीरियंस लिमिटेड के संस्थापक समित गर्ग ने कहा ओडिशा का इको-र्रिटीट केवल प्राचीन स्मारकों और स्थलों से कहीं अधिक है। यह समुद्र तट पर जीवन, पानी के खेल के बारे में भी है। भारत में बाजारों में इको-र्रिटीट के मॉडल को दोहराने के लिए चर्चा हो रही है।
इसमें कैंपिंग पहले से ही पर्यावरण के काफी अनुकूल है,इसे और भी अधिक बेहतर बनाने के तरीके हैं। कोणार्क में इको-र्रिटीट ने यह निश्चित किया है कि उनके कैंपिंग उपकरण डिजाइन पर्यावरण के अनुकूल हैं। इसमें सफाई से लेकर व्यक्तिगत देखभाल वाले बांस के टूथब्रश, और सूखी घास के कूड़ेदान तक के स्थायी विकल्प हैं।
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इसमें एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करते हुए आगंतुकों को सांस्कृतिक प्रदर्शन, प्रकृति, संस्कृति, ऐतिहासिक और स्थापत्य महत्व के आस-पास के गंतव्यों के लिए निर्देशित पर्यटन ,पानी के खेल, एटीवी सवारी, बीच वॉलीबॉल और तीरंदाजी सहित अन्य मनोरंजक गतिविधियों पर ध्यान दिया गया है।
ओडिशा सरकार के पर्यटन सचिव सचिन आर जाधव का कहना है यात्रियों को सूर्य मंदिर,कोणार्क संग्रहालय, बौलखम अभयारण्य और पुरी में गोल्डन बीच का दौरा करना चाहिए, जिसे हाल ही में ब्लू फ्लैग बीच के रूप में फिर से प्रमाणित किया गया है। कला और शिल्प में रुचि रखने वाले मेहमान विरासत शिल्प गांव सहारनपुर जा सकते हैं जहां हर घर अपने आप में एक आर्ट गैलरी है। समुद्र तट के किनारे यह शानदार र्रिटीट निश्चित रूप से अवकाश बिताने का बेहतरीन स्थान है, जो शहर के जीवन की हलचल से दूर खुद को फिर से खोजने के लिए आपको मानसिक तौर पर शांति प्रदान करता है।
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