राष्ट्र को दिशाहीन होने से बचाना आवश्यक : मनीष सिसोदिया
वर्तमान समय में राष्ट्र को दिशाहीन होने से बचाना उतना ही आवश्यक है, जितना देश को शत्रुओं से बचाना। दिल्ली के मेंटर्स ने दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य को दिशा देने का काम किया है। यह लोग राष्ट्र निर्माण और राष्ट्र के भविष्य को सुरक्षित करने में योगदान दे रहे है। यह बातें दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने इंदिरा गांधी दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी फॉर वीमेन (आईजीडीटीयूडब्ल्यू) में आयोजित देश के मेंटर कॉन्क्लेव में कहीं। इस मौके पर उन्होंने बेहतर मेंटरिंग करने वालों को सम्मानित भी किया।
दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सिसोदिया ने यह भी कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में जब दिल्ली सरकार ने सोचा तो देखा कि इसमें एक चीज जो मिसिंग है वो है सपना। पिछले सात साल में शिक्षा मंत्री के रूप में स्कूलों में लाखों बच्चों के साथ चर्चा की। इन सभी चर्चाओं में बच्चों का ड्रीम कहीं न कहीं मिसिंग था। बच्चों से पूछा कि भविष्य में क्या करना है तो उनके पास उसका जवाब नहीं होता था।| बच्चों के पास सपना नहीं था कि उन्हें आगे भविष्य में क्या करना है। लेकिन देश के मेंटर कार्यक्रम ने इसे पूरा किया गया। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मेंटरिंग का काम कोई छोटा काम नहीं, बल्कि देश की बेहतरी को नया आयाम देने वाला एक महत्वपूर्ण काम है। काम की बदौलत वो देश को सपना देखना और उस सपने को सच करने के लिए मेहनत करना सिखा रहे हैं। कार्यक्रम में आईजीडीटीयूडब्ल्यू की उपकुलपति अमिता देव, डीसीपीसीआर के चेयरमैन अनुराग कुंडू, अतिरिक्त शिक्षा निदेशक रीता शर्मा सहित कई लोग उपस्थित रहे।
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बाल
विवाह
तक
रुकवाने
में
सफल
रहे
मेंटर
सिसोदिया
ने
कहा
कि
एक
मेंटर
ने
अपने
मेंटी
का
बाल
विवाह
तक
रुकवा
दिया।
मेंटरिंग
का
ये
प्रभाव
हुआ
कि
एक
बच्ची,
जिसे
12वीं
के
बाद
आगे
भविष्य
में
क्या
करना
है,
उसके
विषय
में
कोई
भी
जानकारी
नहीं
थी।
आज
वहीं
छात्रा
आईजीडीटीयूडब्ल्यू
जैसे
प्रतिष्ठित
संस्थान
से
बीटेक
कर
रही
है
और
4
बच्चों
को
सलाह
दे
रही
है।
दिल्ली
सरकार
का
फ्लैगशिप
प्रोग्राम
'देश
के
मेंटर'
कार्यक्रम
भारत
का
बड़ा
मेंटरिंग
प्रोग्राम
है।
इस
कार्यक्रम
के
तहत
लगभग
26,000
मेंटरों
ने
एक
लाख
बच्चों
को
दिशा
देने
का
काम
किया
है।