हरियाणा सरकार का फैसला, 10 कीटनाशकों पर अस्थाई तौर पर लगाया प्रतिबंध, बेचने और खरीदने वालों पर होगा एक्शन
हरियाणा सरकार ने 10 कीटनाशकों पर अस्थाई तौर पर लगाई रोक
चंड़ीगढ़। हरियाणा सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए 10 कीटनाशकों के प्रयोग को कुछ दिनों के लिए रोक दिया है। सरकार ने दो महीनों के लिए करीब 10 कीटनाशकों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। यानी खरीदना और बेचना दोनों पर रोक लागू हो गया है। सरकान ने 10 कीटनाशकों की बिक्री, स्टॉक, वितरण व उपयोग पर 17 अक्तूबर तक प्रतिबंध लगा दिया है। इससे किसान व कीटनाशक विक्रेता दोनों की समस्या बढ़ गई है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ओर से जारी किए पत्र में प्रतिबंध लगाने का कारण इन कीटनाशकों से फसल पर दुष्प्रभाव होना बताया गया है।
गौरतलब है कि बासमती चावल का दूसरे देशों में निर्यात किया जाता है। ऐसे में इन कीटनाशकों के अवशिष्ट प्रभाव के कारण कभी-कभी बासमती चावल की निर्यात खेपों को अस्वीकार कर दिया जाता है। राज्य सरकार का आदेश मिलते ही कृषि विभाग द्वारा विक्रेताओं को इन पेस्टीसाइड दवाओं की रोक को पूरी तरह प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सख्ती कर दी है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की ओर से ये आदेश जारी किए हैं। बताया गया है कि इस बारे में कई शिकायतें मिली थीं कि कीटनाशकों के अंधाधुंध उपयोग के कारण निर्यात की गई बासमती की खेप खारिज हो गई थी।
सरकार ने जिन कीटनाशकों पर लगाया रोक लगाई वो निम्न है। एसेफेट, बुप्रोफेजिन, कार्बेन्डाजिम, क्लोरपायरीफॉस, मेथामिडोफोस, प्रोपिकोनाजोल, थियामेथोक्सम, ट्राईसिलाजोल, प्रोफेनोफोस व आइसोप्रोथिओलेंस।
17
अक्टूबर
तक
के
लिए
लगा
है
प्रतिबंध
आदेश
में
कहा
गया
है
कि
निर्यात
की
खेपों
में
अत्यधिक
कीटनाशक
अवशेषों
की
समस्या
को
दूर
करने
के
लिए
राज्य
सरकार
ने
ये
निर्णय
लिया
है
और
दो
माह
के
लिए
इन
10
कीटनाशकों
की
बिक्री,
स्टॉक
और
उपयोग
पर
प्रतिबंध
लगा
दिया
है।
राज्य
सरकार
ने
राज्य
में
17
अगस्त
से
17
अक्तूबर
तक
चावल
की
फसल
पर
इन
कीटनाशकों
की
बिक्री,
स्टॉक,
वितरण
और
उपयोग
पर
रोक
लगाई
है।
ये
कीटनाशक
विशेष
रूप
से
बासमती
के
निर्यात
और
खपत
में
बाधा
हैं।