सीएम केजरीवाल ने LG के साथ किया असोल भाटी अभ्यारण्य का दौरा, 30 दिन में मांगा मास्टर प्लान
नई दिल्ली: दक्षिणी दिल्ली के असोला भाटी अभयारण्य में जल संरक्षण के लिए मास्टर प्लान तैयार होगा। उपराज्यपाल वीके सक्सेना, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रविवार को वन क्षेत्र का दौरा किया। उन्होंने अधिकारियों को 30 दिनों के भीतर गड्ढों को विकसित करने के लिए एक मास्टर प्लान तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
मास्टर प्लान के तहत यहां वर्षा और बाढ़ के पानी को इकट्ठा करने, भूजल को रिचार्ज करने और क्षेत्र को विश्वस्तरीय इको-पर्यटन गंतव्य बनाने के लिए जलाशयों का निर्माण किया जाएगा। मास्टर प्लान विशेषज्ञों और संस्थानों के परामर्श से संबंधित विभागों के अधिकारियों की एक समिति द्वारा तैयार किया जाएगा। उपराज्यपाल, मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री ने 14 गड्ढे बनाने पर जोर दिया। इसमें चार बड़े और 10 छोटे गड्ढे शामिल हैं। इनकी क्षमता 800 मिलियन गैलन से अधिक है, जो भूजल को रिचार्ज करने में मदद करेंगे।
वन अभ्यारण्य के बाहर निचले इलाकों में बारिश के मौसम में जलभराव देखा जाता है, जिनमें से लगभग 35 फीसदी भाटी माइंस क्षेत्र के ढाल से ही आता है। इसके अलावा वन क्षेत्र के ठीक बाहर बहने वाले मुख्य नालों में भी मानसून के दौरान ओवरफ्लो होने का अंदेशा रहता है। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे एक तरफ बांध बनाकर ढलानों से बहते पानी को रोके रखें और एकत्रित पानी को दबाव में उठाने के तरीके और साधन तैयार करें। नालियों और निचले इलाकों से पानी को ऊपर उठाने के लिए भी निर्देश दिया गया है।
हिमाचल में अरविंद केजरीवाल ने उठाया शिक्षा का मुद्दा, कहा-भविष्य के लिए एक बार मौका दें
इस दौरान वन क्षेत्र में मोरिंगा, चेंबू, जामुन और विशेष किस्म के बांस आदि सहित एक लाख फूल वाले पौधे लगाने के लिए कहा गया है। बता दें कि मास्टर प्लान के तहत यहां जैव पर्यटन को विकसित किया जाना है, जिसमें बटरफ्लाई ट्रेल, वन्यजीव ट्रेल, साइकिल ट्रैक, वॉकिंग ट्रैक, बर्ड-वाचिंग स्पॉट और रोपवे बनाने के प्रावधान शामिल हैं।