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CM हेमंत के प्रयास का दिखा असर, मानव तस्करी के शिकार खूंटी के 13 बच्चे दिल्ली से मुक्त

रांची,5 अक्टूबरः झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सार्थक प्रयास से लगातार मानव तस्करी के शिकार बालक/बालिकाओं को मुक्त कराकर उनके घरों में पुनर्वास किया जा रहा है. इसी कड़ी में मानव तस्करी (Human trafficking) की शिका

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रांची,5 अक्टूबरः झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सार्थक प्रयास से लगातार मानव तस्करी के शिकार बालक/बालिकाओं को मुक्त कराकर उनके घरों में पुनर्वास किया जा रहा है. इसी कड़ी में मानव तस्करी (Human trafficking) की शिकार खूंटी जिले की 12 बच्चियां और एक बालक को दिल्ली में मुक्त कराया गया है. सीएम की पहल पर खूंटी जिला प्रशासन और एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (Anti Human Trafficking Unit- AHTU) की टीम को दिल्ली में बड़ी सफलता मिली.

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दिल्ली के विभिन्न स्थानों पर छापामारी कर 13 बच्चों का छुड़ाया

इस संबंध में खूंटी जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी अल्ताफ खान ने बताया कि डीसी और एसपी के निर्देश पर जिला समाज कल्याण विभाग (District Social Welfare Department), बाल संरक्षण विभाग (Child Protection Department) एवं एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट द्वारा दिल्ली में विभिन्न स्थानों पर मानव तस्करी के शिकार 12 बालिकाओं एवं एक बालक को मुक्त कराया गया है. AHTU की टीम लगभग 15 दिनों से दिल्ली के विभिन्न स्थानों पर छापा मारकर इन बच्चों को मुक्त कराया है.

दिल्ली से मुक्त बच्चों को स्पॉन्सरशिप योजना का मिलेगा लाभ

एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग के रामजानुल हक, मिथलेश ठाकुर, अजय कुमार शर्मा, उषा देवी एवं फुलमनी बोदरा द्वारा न केवल मुक्त कराये गये बच्चों को, बल्कि उन सात बच्चियों को भी जो 18 वर्ष से ऊपर है, उन्हें उचित सहयोग उपलब्ध कराया गया. साथ यह भी सुनिश्चित कराया गया कि बच्चियां उनके निगरानी में रहेंगे. इस बच्चों को संचालित विभिन्न योजनाओं से जोड़ते हुए इन्हें स्पॉन्सरशिप योजना का भी लाभ दिलाया जाएगा.

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मानसिक और शारीरिक दोनों प्रकार से मानव तस्कर करता है शोषण

मालूम हो कि मानव तस्कर की शिकार बच्चियों के साथ शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार का शोषण किया जाता है. कई बच्चियों पर शारीरिक शोषण किए जाने संबंधी दिल्ली में केस भी दर्ज है. इधर, खूंटी जिला समाज कल्याण पदाधिकारी एवं जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी द्वारा बच्चियों को वापस अपने जिले में पुनर्वास किया जाएगा. इन बच्चियों को समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं से जोड़ा जाएगा, ताकि ये बच्चे दोबारा मानव तस्करी का शिकार न बनने पाये.

दिल्ली में चल रहा एकीकृत पुनर्वास संसाधन केंद्र

बता दें कि मानव तस्करी पर झारखंड सरकार तथा महिला एवं बाल विकास विभाग काफी संवेदनशील है. यही कारण है कि दिल्ली में एकीकृत पुनर्वास संसाधन केंद्र (Integrated Rehabilitation Resource Center) चलाया जा रहा है जिसकी नोडल ऑफिसर नचिकेता द्वारा झारखंड के मानव तस्करी के शिकार बच्चे एवं बच्चियों को मुक्त कराकर वापस उन्हें झारखंड के उनके जिले में पुनर्वास करने का कार्य किया जा रहा है.

छोटी बच्चियों को बहला-फुसलाकर मानव तस्कर लाते हैं दिल्ली

बताया गया कि दिल्ली में मुक्त करायी गयी बच्चियों को दलाल के माध्यम से लाया गया था. झारखंड में ऐसे दलाल बहुत सक्रिय हैं जो छोटी बच्चियों को बहला-फुसलाकर उन्हें दिल्ली लाते हैं और विभिन्न घरों में उन्हें काम पर लगाने के बहाने से बेच देते हैं. वहीं, दलालों के चंगुल में बच्चियों को भेजने में उनके माता-पिता की भी अहम भूमिका होती है.

समाज कल्याण महिला बाल विकास विभाग के निर्देशानुसार, झारखंड भेजे जा रहे बच्चों को जिले में संचालित कल्याणकारी योजनाओं स्पॉन्सरशिप, फॉस्टरकेयर, कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय से जोड़ते हुए उनकी ग्राम बाल संरक्षण समिति (VLCPC)) के माध्यम से सतत निगरानी की जाएगी, ताकि इन बच्चियों को दोबारा मानव तस्करी के शिकार होने से बचाया जा सके. एस्कॉर्ट टीम में एकीकृत पुनर्वास सह संसाधन केंद्र के परामर्शी निर्मला खालखो और राहुल सिंह ने अहम भूमिका निभायी.

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English summary
CM Hemant's efforts showed effect, 13 children of Khunti, a victim of human trafficking, freed from Delhi
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