दिल्ली में कल से बच्चों को लगेगी खसरा व रुबेला के टीके की तीसरी डोज, छह सप्ताह तक चलेगा विशेष अभियान
निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पांच वर्ष तक के 10 लाख 76 बच्चों को एमआर टीके की तीसरी डोज दी जाएगी। यह टीका सभी डिस्पेंसरियों व सरकारी अस्पतालों सहित करीब 600 स्थायी टीकाकरण केंद्रों पर दिया जाएगा।
राजधानी दिल्ली में सोमवार से बच्चों को एमआर (मीजल्स रुबेला) टीके की तीसरी डोज देने का विशेष अभियान शुरू होगा। ताकि खसरा व रुबेला की बीमारी को खत्म किया जा सके। दिल्ली सरकार का परिवार कल्याण निदेशालय छह सप्ताह तक यह विशेष अभियान चलाएगा। इसके लिए परिवार कल्याण निदेशालय ने तैयारी पूरी कर ली है।
निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पांच वर्ष तक के 10 लाख 76 बच्चों को एमआर टीके की तीसरी डोज दी जाएगी। यह टीका सभी डिस्पेंसरियों व सरकारी अस्पतालों सहित करीब 600 स्थायी टीकाकरण केंद्रों पर दिया जाएगा। इसके अलावा आउट रिज कार्यक्रम के तहत आंगनवाड़ी केंद्रों, आरडब्ल्यूए के सहयोग से विभिन्न कालोनियों, धार्मिक स्थलों इत्यादि जगहों पर कैंप कर के स्वास्थ्य कर्मी बच्चों को यह टीका देंगे।
आखिर
में
घर-घर
जाकर
बच्चों
को
लगाया
जाएगा
टीका
निदेशालय
के
पास
बच्चों
का
डाटा
उपलब्ध
है।
इसलिए
निदेशालय
ने
चार
सप्ताह
में
लक्ष्य
पूरा
करने
का
लक्ष्य
रखा
है।
इस
दौरान
जो
बच्चे
टीकाकरण
से
छूट
जाएंगे
उनका
टीकाकरण
सुनिश्चित
करने
के
लिए
आशा
वर्कर
व
स्वास्थ्य
कर्मी
आखिरी
दो
सप्ताह
में
घर-घर
जाकर
बच्चों
को
टीका
लगाएंगे।
मौजूदा समय में रूटीन टीकाकरण अभियान के तहत बच्चों को खसरा व रुबेला की बीमारी से बचाव के लिए टीके की दो डोज दी जाती है। पहली बार नौ माह की उम्र में एमआर (मीजल्स रुबेला) टीका लगाया जाता है। इसके बाद 15 माह की उम्र में दूसरी डोज के रूप में एमएमआर (मीजल्स मंप्स रुबेला) टीका दिया जाता है। इसके बावजूद दिल्ली में खसरा व रुबेला से हर कई बच्चे संक्रमित होते हैं। इसके मद्देनजर परिवार कल्याण निदेशालय टीके की तीसरी डोज देने का अभियान शुरू कर रहा है।
टीका
लगने
के
तीन
सप्ताह
में
आती
है
इम्युनिटी
तीसरी
डोज
देने
के
बाद
बच्चों
के
बायें
हाथ
की
तर्जनी
अंगुली
पर
निशान
लगाया
जाएगा।
ताकि
यह
पता
चल
सके
कि
बच्चे
को
टीका
लग
चुका
है।
यह
टीका
लगने
के
तीन
सप्ताह
में
इम्युनिटी
आती
है।
निदेशालय
के
वरिष्ठ
अधिकारी
कहते
हैं
कि
छह
सप्ताह
में
पांच
वर्ष
तक
के
सभी
बच्चों
को
एमआर
टीके
की
तीसरी
डोज
लगने
से
बच्चों
में
एक
साथ
प्रतिरोधकता
उत्पन्न
होगी।
इसके
बाद
उम्मीद
है
कि
खसरा
व
रुबेला
की
बीमारी
खत्म
हो
जाएगी।