Chandra Darshan in May 2021: चंद्र दर्शन आज,जानिए मुहूर्त-पूजा विधि और मंत्र
नई दिल्ली, 13 मई। हिंदू पूजा-पाठ में चंद्रमा का विशेष महत्व है, देश के अलग-अलग हिस्सों में चंद्रमा की पूजा अलग-अलग प्रकार से होती है, पुराणों में भी चंद्रमा की महिमा का काफी वर्णन है। आज चंद्र दर्शन है, अमावस्या के बाद आने वाले चांद की पूजा करना चंद्र दर्शन कहलाता है। मालूम हो कि मंगलवार को भौमवती अमावस्या थी। आज के दिन काफी लोग पूरे दिन उपवास रखते हैं और शाम को चांद की पूजा करने के बाद अपने व्रत को खोलते हैं। माना जाता है कि चंद्रमा की पूजा करने से इंसान को मन की शांति मिलती है और उसका क्रोध शांत होता है। व्यक्ति की सारी इच्छाएं पूरी होती हैं और चंद्रमा की कृपा से उसको भी चांद की तरह की लोकप्रियता हासिल होती है।
- चेन्नई : सुबह 06:41 - शाम 07:48 बजे
- मुंबई: सुबह 07:02 - रात 08:30 बजे
- दिल्ली: सुबह 06:25 AM -रात 08:32 बजे
- कोलकाता: सुबह 05:52 AM -शाम 07:33 बजे
विशेष मुहूर्त
- अभिजित मुहूर्त: दोपहर 11 बजकर 51 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट तक।
- विजय मुहूर्त: दोपहर 02 बजकर 33 मिनट से 03 बजकर 27 मिनट तक।
- अमृत काल: रात 02 बजकर 09 मिनट से 14 मई सुबह 03 बजकर 57 मिनट तक।
चंद्र दर्शन की पूजा मंत्र
ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृत तत्वाय धीमहि, तन्नो चन्द्र: प्रचोदयात ।।
चंद्रमा को खुश करने के लिए कीजिए इन मंत्रों का भी कीजिए जाप
- ऊं ऐं क्लीं श्रीं।
- श्वेतः श्वेताम्बरधरः श्वेताश्वः श्वेतवाहनः। गदापाणि द्विर्बाहुश्च कर्तव्योः वरदः शशिः। शशि, मय, रजनीपति, स्वामी।
- चन्द्र, कलानिधि नमो नमामी। राकापति, हिमांशु, राकेशा। प्रणवत जन नित हरहु कलेशा।
- सोम, इन्दुश्, विधु, शान्ति सुधाकर। शीत रश्मि, औषधी, निशाकर।
- तुम्हीं शोभित भाल महेशा। शरण-शरण जन हरहु कलेशा।
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चंद्र दर्शन की पूजा विधि
- शाम को विधिवत चांद की पूजा करें मंत्रों के साथ।
- चंद्र देवता को रोली, फल और फूल आदि अवश्य अर्पित करें।
- और इसके बाद अर्घ्य देकर अपना उपवास खोलें।