दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बेरोजगार शिक्षकों को नौकरी देने का किया ऐलान
दिल्ली सरकार ने बेरोजगार शिक्षकों के हित में बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने कहा है कि वह राज्य के विभिन्न स्कूलों में बड़ी संख्या अतिथि शिक्षक नियुक्त करेगी।
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने बेरोजगार शिक्षकों के हित में बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने कहा है कि वह राज्य के विभिन्न स्कूलों में बड़ी संख्या अतिथि शिक्षक नियुक्त करेगी। आपको बता दें कि ये वह शिक्षक होंगे जो दिल्ली सरकार और निगम के स्कूलों में कार्यरत थे और जिनका अनुबंध जनवरी 2021 में समाप्त हो गया है। दिल्ली के शिक्षा निदेशालय ने एक आदेश जारी करते हुए इन शिक्षकों को अपने स्कूलों में बतौर अतिथि शिक्षक नियुक्ति किया है।
यह शिक्षक समग्र शिक्षा अभियान के तहत कार्यरत थे। अनुबंध खत्म होने के बाद दिल्ली सरकार ने इन शिक्षकों को अतिथि शिक्षकों के रूप में नियुक्त किया है। दिल्ली के शिक्षा निदेशालय के मुताबिक यह सभी शिक्षक, केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण हैं। आपको बता दें कि समग्र शिक्षा के तहत विभिन्न स्कूलों में शिक्षक जुलाई माह में कार्यरत होते हैं और मई तक पढ़ाते हैं। इन शिक्षकों के वेतन का 40 फीसदी हिस्सा दिल्ली सरकार देती है, शेष 60 फीसद हिस्सा केंद्र सरकार की ओर से दिया जाता है।
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बीते साल केंद्र सरकार द्वारा इन शिक्षकों के लिए केवल 6 माह का ही फंड जारी किया था। जिस कारण शिक्षकों ने अगस्त 2020 से पढ़ाना शुरू किया था। दिल्ली सरकार के मुताबिक अनुबंध पर रखे गए इन शिक्षकों के हित को देखते हुए शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से यह अनुबंध 31 मार्च 2021 तक बढ़ाने को कहा था। जिसमें इन शिक्षकों को वेतन केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार मिल कर देती है। केंद्र सरकार द्वारा अनुबंध न बढ़ाए जाने पर दिल्ली सरकार ने शिक्षकों को अपने फंड पर रखने का निर्णय लिया है। समग्र शिक्षा के तहत दिल्ली के स्कूलों में कुल 2766 शिक्षक कार्यरत थे। इसमें 1673 सरकारी स्कूलों में, 1093 शिक्षक पूर्वी दिल्ली नगर निगम और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में कार्यरत थे। दिल्ली सरकार ने 1001 शिक्षकों को दिल्ली के सरकारी स्कूलों में बतौर अतिथि शिक्षक नियुक्ति दी है।
इसमें टीजीटी के उर्दू, पंजाबी, संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी, गणित और प्रकृति विज्ञान के कुल शिक्षक नियुक्त किए गए हैं। इन शिक्षकों में सबसे अधिक संख्या गणित, अंग्रेजी और प्राकृतिक विज्ञान के शिक्षकों की है। इन विषयों के लिए 600 से अधिक शिक्षकों को रखा गया है। शिक्षा निदेशालय के मुताबिक शिक्षकों पर दिल्ली सरकार के वेतन नियम लागू होंगे और शिक्षकों को बतौर अतिथि शिक्षक वेतन दिया जाएगा। दिल्ली सरकार ने फिलहाल टीजीटी के शिक्षकों को ही नियुक्ति दी है। इसमें प्राइमरी शिक्षकों (पीआरटी) को फिलहाल नियुक्ति नहीं दी गई है।
ऑल इंडिया गेस्ट टीचर एसोसिएशन के शोएब राणा ने इसके लिए दिल्ली सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा कि बेरोजगार शिक्षकों को अतिथि शिक्षक के तौर पर नियुक्ति देना सराहनीय कार्य है। शिक्षा विभाग से उम्मीद है कि जिन अनुबंध शिक्षकों को फिलहाल नियुक्ति नहीं मिल पाई है उन्हें जल्द ही मिल जाएगी।