Mamata Banerjee Oath Ceremony: ममता बनर्जी ने ली CM पद की शपथ, लगातार तीसरी बार बनीं बंगाल की मुख्यमंत्री
कोलकाता, 05 मई। एक बार फिर बंगाल की सियासत का रंग हरा हो गया है। ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस ने बंगाल में जबरदस्त वापसी की है। पार्टी ने विधानसभा चुनावों में 213 सीटें अपने नाम की है। हालांकि ममता बनर्जी खुद नंदीग्राम का चुनाव हार गई हैं, बावजूद इसके वो तीसरी बार राज्य की सीएम बनी हैं। बुधवार को कोलकाता स्थित टाउनहाल में उन्होंने बंगाल के सीएम पद की शपथ ली। ममता बनर्जी ने आज अकेले ही शपथ ली है, उनके साथ किसी भी मंत्री ने शपथ नहीं ली। उन्हें राजभवन में राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शपथ दिलाई।
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मालूम हो कि ममता बनर्जी ने 20 मई 2011 को पहली बार और 27 मई 2016 को दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। लगातार हैट्रिक करके सत्ता पाने वाली ममता बनर्जी देश की पहली महिला सीएम है। सफेद साड़ी और हवाई चप्पल में पदयात्रा करने वाली ममता बनर्जी का जन्म कोलकाता में एक मध्यम वर्ग के परिवार में हुआ था। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस पार्टी से की थी।
ममता बनर्जी ने लेफ्ट के 34 साल के किले को ध्वस्त किया था
वो पहली बार साल 1984 में जाधवपुर से लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंची थीं। हालांकि साल 1989 में उन्हें वहां हार झेलनी पड़ी थी लेकिन साल 1991 में उन्होंने वहीं से बंपर जीत के साथ वापसी की और 2009 तक वो वहां से MP रहीं। कांग्रेस से मतभेद के चलते उन्होंने साल 1997 में कांग्रेस छोड़कर अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस पार्टी की स्थापना की और दो बार देश की रेल मंत्री बनीं।
लाल किले को किया ममता ने ध्वस्त
साल 2011 में ममता बनर्जी ने लेफ्ट के 34 साल के किले को ध्वस्त कर दिया। उस साल TMC ने राज्य में 227 सीटें हासिल की थीं और वो राज्य की 8वीं सीएम बनी थी। साल 2016 में उन्होंने फिर इतिहास रचा और टीएमसी ने अकेले ही वामपंथी कांग्रेस गठबंधन के खिलाफ 211 सीटों पर जीत हासिल की।
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ममता लगातार तीसरी बार बनीं बंगाल की मुख्यमंत्री
साल 2021 में एक बार फिर ममता का जादू चला है, उनकी पार्टी ने विधानसभा चुनाव में 213 सीटें हासिल करके प्रचंड बहुमत हासिल किया है और वो तीसरी बार सत्तासीन हुई हैं। हालांकि ममता बनर्जी खुद नंदीग्राम का संग्राम हार गई हैं। ऐसे में वो अभी विधायक नहीं हैं।
क्या कहता है नियम?
नियमों के मुताबिक मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के 6 महीने के अंदर उनको किसी ना किसी सीट से विधायक पद का चुनाव जीतना होगा। वैसे बंगाल की दो सीटों पर अभी चुनाव बाकी हैं, ऐसे में ममता बनर्जी वहां से लड़कर विधानसभा पहुंच सकती हैं।