बंगाल: चुनावी हिंसा पर फिर फूटा राज्यपाल का गुस्सा, कहा- ना गिरफ्तारी हुई और ना जांच
कोलकाता, जून 21: पश्चिम बंगाल में हुए विधानसभा चुनाव के रिजल्ट को 7 हफ्ते से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन अभी भी वहां चुनावी परिणाम के बाद हुई हिंसा पर सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। बंगाल के राज्यपाल लगातार इस मुद्दे पर ममता सरकार को घेरने में लगे हुए हैं। इस बीच सोमवार (21 जून ) को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी हिंसा की जांच के लिए एक कमेटी गठित कर दी है। इस सात सदस्यीय कमेटी के लोग बंगाल में हुई हिंसा की जांच करेंगे।
इस बीच पश्चिम बंगाल के बागडोगरा में मीडिया से बात करते हुए राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि मैं हैरान और परेशान हूं कि 7 हफ्ते होने के बाद भी इतनी भयावह स्थिति को नकारा जा रहा है, ये उचित नहीं है। आजादी के बाद चुनाव के बाद हुई हिंसा इतनी भयानक, इतनी बर्बर और आतंकी कभी नहीं देखी गई।
इसके अलावा राज्यपाल ने बताया कि 4 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव हुए, पश्चिम बंगाल अकेला रक्तरंजित क्यों हुआ? इतने जघन्य अपराध चुनावी हिंसा का हिस्सा बने, किसी की गिरफ्तारी नहीं होना, अनुसंधान नहीं होना, ये अच्छे संकेत नहीं हैं। आज डर के मारे लोग बोल नहीं पा रहे है। मैं राज्य सरकार से आग्रह करूंगा कि आत्ममंथन करें।
राज्यपाल जगदीप धनकड़ ने कहा कि मैं बंगाल में जहां भी गया, मैंने 3 प्रश्न पूछे आप पुलिस के पास क्यों नहीं गए? क्या एडमिन से कोई आया है? क्या कोई मीडियाकर्मी आया था? उन्होंने केवल एक ही बात कही अगर हम पीड़ित के रूप में पुलिस स्टेशन गए होते, तो हम अपराधी के रूप में सामने आते।