15 मिनट में देहरादून से मसूरी, ये है दून मसूरी रोपवे की खूबियां, अब धरातल पर उतरेगी प्लानिंग, जानिए पूरा मसला
देहरादून और मसूरी के बीच बनने वाले रोपवे का रास्ता साफ
देहरादून, 28 जुलाई। देहरादून और मसूरी के बीच बनने वाले रोपवे का रास्ता साफ हो गया है। धामी सरकार कैबिनेट ने निर्माण के बायलॉज में राहत देते हुए टर्मिनल की निर्धारित ऊंचाई तक निर्माण की अनुमति दे दी है। देहरादून से मसूरी के लिए प्रस्तावित रोपवे बन जाने के बाद मसूरी पहुंचने में 15 मिनट का समय लगेगा।
प्रस्तावित रोपवे एशिया का दूसरा सबसे बड़ा रोपवे
उत्तराखंड में पहाड़ों की रानी के नाम से मशहूर पर्यटकों की पहली पसंद मसूरी तक पहुंचने में सबसे बड़ी बाधा है पहाड़ी रास्ता। देहरादून से मसूरी पहुंचने में कई बार जाम के चलते घंटो लग जाते हैं। ऐसे में सरकार रोपवे बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। देहरादून से मसूरी के लिए प्रस्तावित रोपवे एशिया का दूसरा सबसे बड़ा रोपवे होगा। रोपवे की लंबाई 5 5 किमी होगी। जो हांगकांग के गोंगपिंग रोपवे की लंबाई 5 7 किमी से महज सौ मीटर कम है।
पर्यटन विभाग की एक महत्वाकांक्षी परियोजना
देंहरादून से मसूरी के बीच रोपवे निर्माण को सरकार के स्तर से सभी अनुमति हो चुकी है। ऊंचाई और रोप वे की लंबाई की वजह से इसमें ऊंचे -ऊंचे टर्मिनल बनाए जाने हैं। बायलॉज के हिसाब से ऊंचाई की वजह से टर्मिनल के निर्माण में बाधा आ रही थी, जिसे अब राज्य सरकार ने दूर कर दिया है।
ये है खूबियां
मसूरी और दून के बीच बनने वाला रोपवे दोनों शहरों के लिए रोमांच और पर्यटन की नई संभावनाओं के लिए मील का पत्थर साबित होगा। दून में मसूरी रोड से पुरकुल तक का इलाका नए सिरे से विकसित होगा। साथ ही मसूरी में भी इससे जुड़े कई विकास कार्य होंगे। जिसका पर्यटकों और स्थानीय लोगों को लाभ मिलेगा। मसूरी की सबसे बड़ी समस्या पर्यटन सीजन के दौरान लगने वाला जाम और वाहनों की पार्किंग की कमी है। सीजन में लाखों पर्यटक मसूरी पहुंचते हैं जिससे दून से मसूरी तक 35 किमी का सफर तय करने में ही कई बार टूरिस्ट को घंटों लग जाते हैं। रोपवे बन जाने से इन दोनों से छुटकारा मिल सकता है। लाइब्रेरी चौक पर रोपवे का स्टेशन होगा। जहां पर पर्यटक चढ़ेगे और उतरेंगे।
प्रस्तावित रोपवे भारत का सबसे लंबा रोपवे होगा
देहरादून से मसूरी के लिए प्रस्तावित रोपवे भारत का सबसे लंबा रोपवे होगा। रोपवे की लंबाई 5.5 किमी होगी। इसमें 60 ट्रॉली लगाने का प्रस्ताव है। गुजरात में भवनाथ की तलहटी से गिरनार पर्वत पर अंबाजी मंदिर तक अब तक का सबसे लंबा रोपवे है। इसकी लंबाई 2.3 किलोमीटर है जिसे रोपवे के जरिए सिर्फ़ सात मिनट में पूरा किया जाता है। इसमें शुरूआत में 24 ट्रॉली लगाई गई। रोप वे के चालू होने से पहले श्रद्धालुओं को 5500 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती थीं।
समय की बचत, जाम से मुक्ति
इस रोपवे के बनने से दून से मसूरी मात्र 15.18 मिनट में पहुंच जाएंगे। रोपवे से एक घंटे में दो हजार यात्री दोनों ओर सफर कर सकते हैं। दिनभर में रोपवे का 10 घंटे तक संचालन किया जाएगा। करीब 258 करोड़ के इस प्रोजेक्ट की लगभग सभी बाधाएं पूरी हो चुकी हैं। देहरादून मसूरी रोपवे पर्यटन विभाग की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। एक हजार व्यक्ति प्रति घंटे एक तरफए की क्षमता वाले इस रोपवे के बनने से जहां एक ओर पर्यटकों को सुंदर वादियों को निहारनेए रोपवे के रोमांच सफर का आनंद उठा सकेंगे। वहीं दून से मसूरी मार्ग पर ट्रैफिक जाम की समस्या से राहत मिलेगी।
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