उत्तराखंड विधानसभा में हुई भर्तियों को लेकर भाजपा, कांग्रेस आमने-सामने, सोशल मीडिया में वायरल हो रही लिस्ट
उत्तराखंड विधानसभा में हुई भर्तियों को लेकर जमकर राजनीति
देहरादून, 29 अगस्त।उत्तराखंड विधानसभा में हुई भर्तियों को लेकर भाजपा, कांग्रेस एक दूसरे की पोल खोलने में जुटी हैं। भाजपा के समय में विधानसभा में हुई भर्तियों के उजागर होने के बाद अब कांग्रेस के शासनकाल में हुई भर्तियों को लेकर सोशल मीडिया में जमकर वार- प्रत्यारोप हो रहे हैं। इस बीच भाजपा ने कांग्रेस के शासन में विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल के रिश्तेदारों को नियुक्ति देने का आरोप लगाकर कुछ नाम सोशल मीडिया में वायरल किए हैं। जिसके बाद नियुक्तियों को लेकर रार मची हुई है।
नियुक्तियों को लेकर भाजपा, कांग्रेस का एक दूसरे पर जमकर प्रहार
उत्तराखंड विधानसभा में नियुक्तियों को लेकर भाजपा, कांग्रेस एक दूसरे पर जमकर प्रहार कर रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किसी भी कालखंड में हुई भर्तियों की जांच करने की बात की है। इसके लिए उन्होंने स्पीकर से जांच करने की बात भी कही है। ऐसे में आने वाले दिनों में ये मामला एक बार फिर सियासी रंग लेने जा रहा है। इस बीच कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने दिल्ली में प्रदेश प्रभारी देवेन्द्र यादव के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मुद्दे पर राज्य सरकार को घेरा। देहरादून में पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने शहीद स्मारक में धरना देकर विरोध जताया है।
पूर्व सीएम हरीश रावत का बयान, नियुक्तियों की अपने स्तर पर भी स्कैनिंग करें मुख्यमंत्री
उधर पूर्व सीएम हरीश रावत ने सोशल मीडिया के जरिए कहा है कि मैं मुख्यमंत्री के बयान की सराहना करता हूं। सारी नियुक्तियों की जांच होनी चाहिए और मैं मुख्यमंत्री जी से आग्रह करना चाहूंगा कि इन नियुक्तियों की अपने स्तर पर भी स्कैनिंग करें जो नियुक्ति नियम और विधि विधान के विरुद्ध हुई है, उन नियुक्तियों को विधानसभा प्रस्ताव पारित करके कैंसिल करे ताकि किसी भी अध्यक्ष को भविष्य में इस तरीके के दर्द कदम उठाने की हिम्मत न पड़े। हरीश रावत का इस प्रकरण पर कहना है कि मेरे इतने साल के सार्वजनिक जीवन में एक ऐसा व्यक्ति बता दीजिए मेरे परिवार, मेरे नातेदार व मेरे रिश्तेदार जिसको मेरे प्रभाव के कारण नौकरी दी गई! मैंने मदद जरूर की है। लेकिन मैंने नौकरी में किसी के हक को नहीं मारा है। परंपरा है मैंने उसका पालन किया है। मैंने उस परंपरा का भी कभी फायदा नहीं उठाया। यदि है कोई ऐसा व्यक्ति तो बताएं।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कुंजवाल,योग्यता के अनुसार नौकरी पर लगाया
विधानसभा में अपनों को नियुक्तियां देने का मामला सबसे ज्यादा सोशल मीडिया पर चल रहा है। पहले भाजपा सरकार में हुई नियुक्तियों की सूची वायरल हो गई और अब कांग्रेस सरकार में नौकरी पाने वाले स्पीकर रहे गोविंद सिंह कुंजवाल के रिश्तेदारों की एक सूची वायरल हो रही है। गोविंद सिंह कुंजवाल ने एक मीडिया हाउस को दिए बयान में ये स्वीकार भी किया है। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कुंजवाल का कहना है कि उन्हें यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में बेटे और बहू को विधानसभा में उनकी योग्यता के अनुसार नौकरी पर लगाया। कुंजवाल ने कहा कि मेरा बेटा बेरोजगार था, मेरी बहू बेरोजगार थी, दोनों पढ़े.लिखे थे। अगर डेढ़ सौ से अधिक लोगों में मैंने अपने परिवार के दो लोगों को नौकरी दे दी तो कौन सा पाप किया। मेरे कार्यकाल में कुल 158 लोगों को विधानसभा में तदर्थ नियुक्ति दी गई थी। इनमें से आठ पद पहले से खाली थे। 150 पदों की स्वीकृति मैंने तत्कालीन सरकार से ली थी। कुंजवाल के इस बयान के बाद फिर से सियासी रार मचनी तय है।