हरीश रावत का तंज, 'BJP ने अपने ही दो नेताओं को बनाया मजाक, ये तो कानून भी नहीं जानते हैं...'
हरीश रावत का तंज, 'BJP ने अपने ही दो नेताओं को बनाया मजाक, ये तो कानून भी नहीं जानते हैं...'
देहरादून, 03 जुलाई: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार (02 जुलाई) रात 11 बजे के आसपास राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को अपना इस्तीफा सौंफ दिया। उत्तराखंड का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसका फैसला आज (03 जुलाई) विधानमंडल की बैठक में किया जाएगा। इस पूरे मामले पर कांग्रेस नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भारतीय जनता पार्टी पर तंज कसा है। हरीश रावत ने कहा है, ''2017 में सत्तारूढ़ हुई उत्तराखंड भाजपा ने अपने ही दो नेताओं की स्थिति हास्यास्पद बना दी है, दोनों भले आदमी हैं। त्रिवेंद्र सिंह रावत को बजट सत्र के बीच में बदलने का फैसला ले लिया, जबकि वित्त विभाग भी उन्हीं के पास था, बजट पर चर्चा और बहस का जवाब उन्हीं को देना था, बजट उन्हीं को पारित करवाना था। सब हबड़तबड़ में बजट भी पास हुआ और त्रिवेंद्र सिंह जी की विदाई भी हो गई।''
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हरीश रावत ने आगे कहा, ''उतने भले ही आदमी तीरथ सिंह रावत मुख्यमंत्री बने और तीरथ सिंह की स्थिति कुछ उनके बयानों ने और जितनी रही-सही कसर थी वो भाजपा के शीर्ष द्वारा उनके चुनाव लड़ने के प्रश्न पर निर्णय न लेने कारण हास्यास्पद बन गई।''
कांग्रेस नेता हरीश रावत ने ट्विटर पर वीडियो जारी ये सारी बातें कही। अपने एक अन्य ट्वीट में हरीश रावत ने कहा, ''वो (तीरथ सिंह रावत) मजाक के पात्र बनकर के रह गए हैं। लोग कह रहे हैं कि हमारे मुख्यमंत्री को जब इसी बात का ज्ञान नहीं था कि उनको कब चुनाव लड़कर के विधानसभा पहुंचना है तो, ये व्यक्ति हमारा क्या कल्याण करेगा!''
उन्होंने कहा, 'वर्तमान मुख्यमंत्री (तीरथ रावत) न केवल एक हास्यास्पद व्यक्तित्व बनकर रह गए बल्कि सारी भाजपा की सरे चौराहे भद हुई है। मुख्यमंत्री ने इस्तीफा दिया अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष को और अब गर्वनर को इस्तीफा देंगे। खैर ये उनकी दलगत निष्ठा की बात हो सकती है। लेकिन एक बात स्पष्ट हो गई है कि न वो पहले संवैधानिक आवश्यकता को समझ पाए और न अब संवैधानिक आवश्यकता को समझ रहे हैं।''
कांग्रेस नेता हरीश रावत ने बीजेपी पर तंज करते हुए कहा, ''इसका मतलब है कि 5 साल में भाजपा तीन मुख्यमंत्री उत्तराखंड को दे रही है।'' उन्होंने कहा, कोरोना की वजह से उत्तराखंड में उपचुनाव नहीं हो सकते, इससे बड़ा झूठ क्या हो सकता है और संवैधानिक बाध्यता के कारण मुख्यमंत्री इस्तीफा दे रहे हैं। असल में सच ये है कि इसी कोरोना काल में पहले भी उपचुनाव हुए हैं।