Ankita Bhandari case:वीआईपी की पहचान करने के लिए पुलिस ले सकती है नार्को टेस्ट की मदद, परिजन भी कर रहे मांग
उत्तराखंड का अंकिता भंडारी हत्याकांड दो माह बाद भी अनसुलझी गुत्थी बनी हुई है। इस मामले में जिस बात को लेकर सबसे ज्यादा जनता का गुस्सा है, वह है वीआईपी की पहचान। अंकिता के परिजन से लेकर पूरा विपक्ष इस मामले में जांच को सही दिशा ले जाने और वीआईपी की पहचान सार्वजनिक करने की मांग करता आ रहा है। ऐसे में अब आरोपियों की नार्को टेस्ट कराने की भी मांग होने लगी है। जिस पर पुलिस विचार कर आगे की कार्रवाई करने की तैयारी में जुटी है। अंकिता हत्याकांड के आरोपियों का पुलिस नार्को टेस्ट भी करा सकती है।

अंकिता पर एक वीआईपी को स्पेशल सर्विस देने का दबाव बनाया था
ऋषिकेश में वनतारा रिजॉर्ट की रिसेप्सनिष्ट अंकिता की हत्या बीती 18 सितंबर को चीला नहर में धक्का देकर की गई। इस मामले में पुलिस ने रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य और उसके दो दोस्तों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पुलिस जांच और सोशल मीडिया में सामने आई चैट के बाद ये साफ हुआ कि आरोपियों ने अंकिता पर रिजॉर्ट में आने वाले एक वीआईपी को स्पेशल सर्विस देने का दबाव बनाया था। प्रदेश सरकार ने इस पूरे मामले की जांच एसआईटी को सौंपी।

पीड़ित पक्ष लगातार सीबीआई जांच की मांग कर रहा
एसआईटी दो माह बाद भी चार्जशीट दायर नहीं कर पाई नहीं वीआईपी का नाम सार्वजनिक भी नहीं कर पाए। जिसके बाद से पुलिस जांच पर सवाल उठ रहे हैं। इस पूरे मामले में राजनीति भी जमकर हो रही है। पीड़ित पक्ष लगातार सीबीआई जांच की मांग कर रहा है। अंकिता के माता पिता भी धरना देने को मजबूर हैं।

ऋषिकेश में धरनास्थल पर धरना
अंकिता के परिजनों का आरोप है कि न आरोपियों को सजा दी जा रही है और नहीं अंकिता को न्याय मिल रहा है। जिसके लिए वे सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। लंबे समय से इसको लेकर आंदोलनकारी ऋषिकेश में धरनास्थल पर धरना भी दे रहे हैं। जिसमें अंकिता के माता पिता भी शामिल हो चुके हैं।

रिजॉर्ट की कहानी भी सामने नहीं आई
परिजनों का आरोप है कि रिजॉर्ट की कहानी भी सामने नहीं आई है। जिससे साफ हो सके कि अंकिता को क्यों मारा गया। अब पीड़ित आरोपियों को नार्को टेस्ट करवाना चाहते हैं। जिसको लेकर पुलिस महकमा भी अंदरखाने होमवर्क शुरू कर चुका है।

18 सितम्बर को की हत्या, 24 सितंबर को अंकिता का शव बरामद
पौड़ी गढ़वाल की रहने वाली अंकिता भंडारी ऋषिकेश स्थित वनंतरा रिजॉर्ट में बतौर रिसेप्सनिष्ट जॉब करने आई थी। लेकिन 18 सितम्बर को अंकिता की हत्या हो गई। 19 सितम्बर को राजस्व पुलिस में आरोपी पुलकित ने अंकिता की गुमशुदगी का केस दर्ज कराया। 23 सितंबर को थाना लक्ष्मण झुला में अंकिता की गुमशुदगी का केस दर्ज हुआ और पुलिस ने पुलकित समेत 3 आरोपियों को अरेस्ट कर जेल भेजा। 24 सितंबर को आरोपियों की निशानदेही पर अंकिता का शव चिला डैम से बरामद हुआ। 24 को अंकिता का एम्स अस्पताल पोस्टमार्टम हुआ।

गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई
25 सितंबर को कई विरोध के बाद देर शाम अंकिता का अंतिम संस्कार हुआ। सरकार ने पूरे मामले कि जांच के लिए एसआईटी गठित की। 26 को पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलीं। अंकिता केस में अब तक वनंतरा रिजॉर्ट के अवैध तरीके से संचालन की बात सामने आई है। साथ ही रिजॉर्ट में अनैतिक देह व्यापार और अंकिता पर स्पेशल सर्विस देने का दबाव बनाने की बात भी सामने आई है। पौड़ी जिले की नवनियुक्त एसएसपी श्वेता चौबे ने जिले की कमान संभालते ही अंकिता हत्याकांड मामले में जेल में बंद मुख्य आरोपी पुलकित आर्या और उसके साथी सौरभ भास्कर व अंकित गुप्ता के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। जिसके बाद अब आरोपियों की जमानत आसान नहीं है।

क्या है नार्को टेस्ट
नार्को टेस्ट ज्यादातर बड़े अपराधियों के केस में किया जाता है। इस टेस्ट के लिए कोर्ट से ऑर्डर लेना होता है। नार्को टेस्ट बच्चों, बुजुर्गों और शारीरिक रूप से कमजोर लोगों का नहीं किया जाता है। इसके लिए एक टीम बनाई जाती है। इस टीम में फॉरेंसिक एक्सपर्ट,मनोवैज्ञानिक, जांच अधिकारी और पुलिस की मौजूदगी में होता है। साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि बिना किसी व्यक्ति के इजाजत के नार्को टेस्ट नहीं कर सकते हैं। टेस्ट में पहले आसान सवाल पूछे जाते हैं, इसके बाद क्राइम से जुड़े सवाल पुछे जाते हैं। नार्को टेस्ट में इंसान की उंगलिया एक मशीन से जुड़ी होती है। जो उसके एक्टिविटी को मॉनिटर करता है।