UP Health Department के इस फरमान ने निजी अस्पतालों में क्यों मचाई खलबली ? जानिए पूरी हकीकत
लखनऊ, 5 अक्टूबर: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने अब प्राइवेट अस्पतालों की नकेल कसने का फैसला किया है। इसको लेकर यूपी सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने एक आदेश जारी किया है जिसमें कहा गया है कि निजी अस्पतालों को अब यह बताना होगा कि उनके यहां कौन कौन से डॉक्टर तैनात हैं और उनके पास किस स्तर की डिग्री है। दरअसल सरकार के पास ऐसी सूचना आ रही है कि निजी अस्पतालों में बड़े पैमाने पर अयोग्य डॉक्टरों को तैनात कर उनसे काम लिया जा रहा है। इसके बाद सरकार ने ये आदेश जारी किया है।
राज्य की राजधानी के निजी अस्पतालों को अपने साथ काम करने वाले डॉक्टरों के नाम दिखाने होंगे। स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को लखनऊ के सभी निजी अस्पतालों को एक पत्र जारी कर सभी डॉक्टरों के नाम और उनकी विशेषता को ऐसी जगह पर प्रदर्शित करने के लिए कहा जहां पर परिचारक उन्हें स्पष्ट रूप से देख सकें।
डॉक्टरों की योग्यता जानने का जनता को हक
ओपीडी करने वालों के साथ आपातकालीन चिकित्सा अधिकारियों, रात्रि ड्यूटी चिकित्सा अधिकारियों के नाम प्रदर्शित करने की आवश्यकता है। अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी, लखनऊ, डॉ एपी सिंह ने कहा, "इससे मरीजों को इलाज करने वाले डॉक्टरों की योग्यता जानने में मदद मिलेगी।"
मरीजों को डॉक्टर का नाम बताने में कोई हर्ज नहीं
एसोसिएशन ऑफ इंटरनेशनल डॉक्टर्स के महासचिव डॉ अभिषेक शुक्ला ने कहा कि, "जब एक अस्पताल शुरू किया जाता है, तो अस्पताल को मरीजों को देखने के लिए लाइसेंस जारी करने से पहले डॉक्टरों के नाम मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में जमा किए जाते हैं। अस्पताल के लिए काम कर रहे डॉक्टरों और मेडिकल टीम के बारे में मरीजों को बताने में कोई हर्ज नहीं है। यह अस्पताल और उसके रोगियों के बीच विश्वास का निर्माण करेगा।"
गड़बड़ी की शिकायतों के बाद सरकार ने उठाया कदम
स्वास्थ्य विभाग ने यह कदम पिछले दो महीने में औचक निरीक्षण के दौरान दो अस्पतालों में अयोग्य डॉक्टरों के काम करते पाए जाने के बाद यह कदम उठाया है। इन अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की गई। यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक लगातार सरकारी अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर रहे हैं जिससे खलबली मची है। इसी तरह सरकारी के अलावा अब प्राइवेट अस्पतालों को सुधारने की कवायद की जा रही है।
डॉक्टरों की कमी से निपटने की कोशिश में सरकार
राज्य में डॉक्टरों की कमी से निपटने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से अनुबंध के आधार पर सेवानिवृत्त डॉक्टरों को नियुक्त करने का फैसला किया है। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि डॉक्टरों की कमी से मरीजों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।
पाठक ने कहा, "जिन अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है, उन्हें उन विभागों को सूचीबद्ध करना चाहिए। डॉक्टरों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से अनुबंध के आधार पर तैनात किया जा सकता है।" उन्होंने कहा कि अस्पतालों में जो दवाएं उपलब्ध नहीं हैं, उन्हें अस्पतालों से स्थानीय स्तर पर खरीदकर ही खरीदा जाना चाहिए।