यूपी पंचायत चुनाव 2021: सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी आम आदमी पार्टी, जारी की 500 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट
यूपी पंचायत चुनाव 2021: सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी आम आदमी पार्टी, जारी की 500 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट
लखनऊ। यूपी पंचायत चुनाव 2021 को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) ने अपनी कमर कस ली है। प्रदेश प्रभारी व राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने बुधवार (31 मार्च) को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि आम आदमी पार्टी प्रदेश की तीन हजार सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इतना ही नहीं, उन्होंने पंचायत चुनाव के लिए 500 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि इससे पहले भी एक सूची जारी की गई थी, लेकिन आरक्षण के नियम बनने के बाद सूची में परिवर्तन किया गया है।
मीडिया से बात करते हुए संजय सिंह ने कहा कि इस चुनाव के जरिए हम दिल्ली के विकास के मॉडल, शिक्षा के मॉडल, दिल्ली के फ्री बिजली, महिलाओं के लिए बस की फ्री यात्रा, बुजुर्गों की पेंशन दोगुना, विधवाओं की पेंशन दोगुना, दिव्यांगों की पेंशन दोगुना, इस मॉडल को हम जनता तक पहुंचाएंगे। कहा कि दिल्ली में पांच फ्लाईओवर के निर्माण में हमने 300 करोड़ रुपए बचाए हैं, दिल्ली का बजट हमने 5 वर्षों में दोगुना कर दिया है। हम उत्तर प्रदेश के ग्रामीण जनता को यह बताने का और समझाने का प्रयास करेंगे कि दिल्ली में जो-जो काम हुए उत्तर प्रदेश में भी संभव है।
इस दौरान उन्होंने कहा कि जिला पंचायत की योजना में जो कार्य आते हैं उसे ईमानदारी पूर्वक जमीन पर कैसे उतारे यह हमारी प्राथमिकता में शामिल होगा, 2022 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर उत्तर प्रदेश में दिल्ली के केजरीवाल मॉडल की चर्चा करेंगे। बताया कि जारी की गई सूची में करीब 45 वकील, 35 पूर्व जिला पंचायत सदस्य या उसके प्रत्याशी रहे हैं. सूची में 15 सामाजिक कार्यकर्ता, 15 बीडीसी सदस्य, 12 घरेलू महिलाएं, 7 ग्राम प्रधान, जिला पंचायत के वर्तमान में 7 सदस्य, 4 छात्र नेता, फौज से रिटायर हुए 3 जवान, लोकसभा सदस्य का चुनाव लड़ चुके 3 लोग, 3 शिक्षक, 3 निगम पार्षद जिनका संबंध ग्रामीण अंचल से है।
कॉलेज के प्रधानाचार्य, एक डॉक्टर और ऐसे ही तमाम लोगों को समर्थन देकर प्रत्याशी घोषित किया है। उन्होंने कहा कि पार्टी समर्थित जीते हुए प्रत्याशियों को आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट देकर लड़ने का मौका दे सकती है। मीडिया से बात करते हुए संजय सिंह ने कहा कि इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि मात्र पांच दिन प्रचार के लिए मिल रहे हैं। 11 तारीख को सिंबल दिया जाएगा, इसके अगले दिन प्रत्याशी बैनर, पोस्टर छपवाएगा और फिर सिर्फ पांच दिन प्रचार होगा। ऐसे में घर-घर जाकर जनसंपर्क कैसे हो पाएगा? निर्वाचन आयोग इस पर पुनर्विचार करे।
इसलिए
भी
खास
है
इस
बार
का
चुनाव
दरअसल,
प्रदेश
में
होने
वाले
पंचायत
चुनाव
को
2022
के
विधानसभा
चुनाव
से
पहले
का
सेमीफइनल
माना
जा
रहा
है।
यही
वजह
है
कि
सत्तधारी
दल
होने
के
नाते
बीजेपी
की
प्रतिष्ठा
भी
दांव
पर
है।
इस
बार
का
चुनाव
इसलिए
भी
खास
है
क्योंकि
प्रदेश
की
मुख्य
विपक्षी
दलों
समाजवादी
पार्टी,
बसपा,
कांग्रेस
और
आम
आदमी
पार्टी
के
साथ
ही
असदुद्दीन
ओवैसी
की
पार्टी
AIMIM
भी
अपनी
किस्मत
आजमा
रही
है।