महंगी हुई बिजली पर किसान देंगे सरकार को झटका, पुलिस से भिड़कर किया फिर ऐलान
कलेक्ट्रेट से प्रारंभ हुआ जुलूस दिल्ली रोड होते हुए कमिश्नर कार्यालय पर पहुंचा। किसानों ने कमिश्नर से मुलाकात करने की बात कही, जिस पर पीएसी और पुलिस ने किसानों को बाहर ही रोक लिया।
सहारनपुर। प्रदेश सरकार द्वारा विद्युत दरों में की गई बढ़ोत्तरी के विरोध में सहारनपुर के किसान सड़कों पर उतर आए। किसानों ने यहां जुलूस निकाल कर नारेबाजी की और कमिश्नर कार्यालय पर प्रदर्शन किया। इस दौरान कमिश्नर कार्यालय परिसर में प्रवेश को लेकर किसानों और पुलिस में तीखी नोंकझोंक हुई। किसानों को कमिश्नर से नहीं मिलने दिया गया, जिसके बाद किसान कमिश्नर कार्यालय पर धरना देकर बैठ गए। बुधवार को भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले सहारनपुर मंडल के तीनों जनपदों के किसान कलेक्ट्रेट कार्यालय में एकत्रित हुए और जिस तरह से विद्युत के दामों में बढ़ोत्तरी की गई है, उसी प्रकार गन्ना मूल्य के दामों में बढ़ोत्तरी किए जाने की मांग को लेकर जुलूस निकाला। कलेक्ट्रेट से प्रारंभ हुआ जुलूस दिल्ली रोड होते हुए कमिश्नर कार्यालय पर पहुंचा। कमिश्नर कार्यालय पर किसानों ने कमिश्नर से मुलाकात करने की बात कही, जिस पर पीएसी और पुलिस ने किसानों को बाहर ही रोक लिया।
इसी बात को लेकर किसानों और पुलिस के बीच तीखी नोंकझोंक हुई। जिसके बाद किसान कमिश्नर कार्यालय पर ही धरना देकर बैठ गए। बाद में पुलिस अधिकारियों द्वारा समझाने पर ही किसान शांत हो सके। धरने के बाद अपर आयुक्त के माध्यम से प्रदेश सरकार को भेजे गए ज्ञापन में मांग की गई है कि बढ़ी विद्युत दरों को वापस लिया जाए। एनजीटी के पुरान वाहनों के आदेश से ट्रैक्टर को मुक्त किया जाए। भाजपा के घोषणा पत्र के मुताबिक किसानों को फसल लागत मूल्य में 50 प्रतिशत न्यूनतम समर्थन मूल्य जोड़ने का फॉर्मूला लागू किया जाए।
इस दौरान भाकियू के प्रदेश उपाध्यक्ष विनय कुमार ने कहा कि आज पूरे देश का किसान बुरे दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि विद्युत विभाग ने किसी भी किसान का उत्पीड़न किया तो उसे किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आगामी नौ जनवरी 2018 को पूरे प्रदेश में बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
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