UP में अब राज्य कर्मचारियों व पेंशनर्स को मिलेगा कैशलेस इलाज, बनाए जाएंगे स्टेट हेल्थ कार्ड
लखनऊ, 08 जनवरी: राज्य कर्मचारियों व पेंशनर्स के लिए विधानसभा चुनाव से पहले एक अच्छी खबर सामने आई है। इस खबर के मुताबिक, राज्य के 28 लाख कर्मचारियों व पेंशनर्स को इलाज के लिए किसी का मुंह नहीं देखना पड़ेगा। राज्य कर्मचारियों व पेंशनर्स को अब पंडित दीन दयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस योजना के तहत नि:शुल्क इलाज की सुविधा मिलेगी। यह आदेश प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने दिए है। इस संबंध में शासनादेश शुक्रवार को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद की ओर से जारी किया गया है।
शासनादेश के मुताबिक, सरकारी अस्पतालों के साथ चिकित्सा संस्थानों, मेडिकल कॉलेजों व आयुष्मान में पंजीकृत निजी अस्पतालों में कर्मचारियों व पेंशनरों को नि:शुल्क इलाज मिल सकेगा। राज्य कर्मचारियों, पेंशनर्स और उनके परिवार के लोगों को कैशलेस इलाज की सुविधा देने के लिए स्टेट हेल्थ कार्ड बनाए जाएंगे। ऑनलाइन स्टेट हेल्थ कार्ड बनाने की जिम्मेदारी स्टेट एजेंसी फार हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (सर्विसेज) को दी गई है। इसी के साथ सभी विभागाध्यक्षों की जिम्मेदारी होगी कि वह अपने विभाग के कर्मियों व पेंशनर्स के स्टेट हेल्थ कार्ड बनवाएं।
कैशलेस चिकित्सा योजना से प्रदेश के 12 लाख राज्य कर्मचारी और 16 लाख पेंशनरों को लाभ मिलेगा। इतना ही नहीं, आयुष्मान योजना के तहत निजी अस्पतालों में भी उन्हें पांच लाख तक के मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। हालांकि, चिकित्सा शिक्षा विभाग अपने चिकित्सा संस्थानों व मेडिकल कालेजों को धनराशि देने के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा 200 करोड़ और जिला अस्पतालों आदि में इलाज कैशलेस इलाज के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग 100 करोड़ रुपये का कार्पस फंड बनाएगा।
कैशलेस चिकित्सा सुविधा के लिए बनाए गए कार्पस फंड से सरकारी चिकित्सालयों को इलाज पर होने वाले खर्चे की 50 प्रतिशत धनराशि दी जाएगी। बाकी 50 प्रतिशत धनराशि उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने पर वित्त विभाग द्वारा दी जाएगी। कैशलेस इलाज की सुविधा के साथ-साथ वर्तमान व्यवस्था के अनुसार इलाज के उपरांत चिकित्सा प्रतिपूर्ति किए जाने का विकल्प भी दिया जाएगा।
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