सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के सियासी सफर का सबसे बड़ा टेस्ट आज
सपा मुखिया मुलायम सिंह की ओर बुलाई गई बैठक में अगर थोड़े से विधायक भी कम होते हैं तो यह सपा के लिए बेहद शर्मसार कर देने वाली स्थिति होगी।
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के सियासी करियर का शनिवार को सबसे बड़ा टेस्ट होने जा रहा है। उन्होंने सुबह साढ़े दस बजे पार्टी के उन 393 उम्मीदवारों की बैठक बुलाई है जिन्हें सपा ने आधिकारिक तौर यूपी चुनाव के लिए टिकट दिया है। हालांकि इनमें से ज्यादातर वो नाम हैं जो सीएम अखिलेश यादव की ओर से जारी की गई लिस्ट में भी शामिल हैं। मीटिंग में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या मुलायम सिंह यादव को इन सभी का समर्थन मिलेगा या फिर अखिलेश का पलड़ा यहां भी भारी होगा।
अखिलेश यादव ने खुद भी पार्टी के विधायकों की बैठक सुबह 9 बजे बुलाई है। सपा मुखिया मुलायम सिंह की ओर बुलाई गई बैठक में अगर थोड़े से विधायक भी कम होते हैं तो यह सपा के लिए बेहद शर्मसार कर देने वाली स्थिति होगी। राजनीति के जानकारों का मानना है कि सपा को इस फैसले का नुकसान झेलना पड़ेगा क्यों कि उनकी पैठ अब जनता के बीच कहीं ज्यादा और बेहतर हो चुकी है। मुलायम सिंह यादव ने एक समय चौधरी चरण सिंह, वीपी सिंह और चंद्रशेखर जैसे नेताओं को एकतरफ करते हुए अपना राजनीतिक रास्ता खुद चुना था। अखिलश यादव भी अब लगभग उसी नक्शे कदम पर चल रहे हैं। ऐसी चर्चा है कि अखिलेश यादव राष्ट्रीय समाजवादी पार्टी के नाम से नया दल बना सकते हैं।
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गौर करने वाली बात ये है कि सपा अपनी स्थापना के 25वें साल में ही बिखर रही है। यादव परिवार भी अब बंट रहा है। लोकसभा में परिवार के पांच में से चार सांसद अखिलेश के पक्ष में हैं उनमें डिंपल यादव, धर्मेंद्र यादव, तेज प्रताप और अक्षय यादव हैं। सपा सुप्रीमो ने एक जनवरी को रामगोपाल यादव की ओर से बुलाई गई राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक को असंवैधानिक करार दिया। उन्होंने एक चेतावनी जारी करके कहा है कि अगर इस बैठक में कोई भी नेता या कार्यकर्ता शामिल हुआ तो उसे पार्टी से बाहर कर दिया जाएगा। मुलायम ने मीडिया से कहा कि उन्होंने बहुत उम्मीदों से अखिलेश को सीएम बनाया था लेकिन उन्हें कुछ मिला नहीं।