आरएसएस नेता हत्याकांड, सीसीटीवी में कैद हुए हत्यारों को पुलिस ने पकड़ा
मेरठ। यूपी में मेरठ के सिविल लाइन्स थाना इलाके में हुए लोहा व्यापारी और आरएसएस नेता सुनील गर्ग हत्याकांड का खुलासा करते हुए पुलिस ने तीन हत्यारोपियों को गिरफ्तार किया है जिनमे से एक आरोपी दिव्यांग है। पैसों की लेन देन के चलते सुनील गर्ग की हत्या की गई थी। पुलिस ने आला ए क़त्ल भी बरामद कर लिया है। पुलिस ने महज 24 घंटो में हत्यारोपियों को ढूंढ निकाला। पुलिस की गिरफ्त में खड़े बसंत कुमार, आशु कपूर और सुशील कुमार , ये वो तीन हत्यारोपी हैं जिन्होंने मिलकर पहले तो सुनील गर्ग की हत्या का प्लान बनाया और उसके बाद रविवार की शाम व्यापारी को फोन करके बुलाया। उसको अगवा करके रात में चाकुओ से गोदकर निर्मम हत्या कर दी, जिसके बाद तीनो ने एक साथ मिलकर रिक्शे में व्यापारी के शव को बोरे में भरकर ले गए और सिविल लाइन्स थाना इलाके के पांडव नगर के नाले के पास फेंक दिया।
नाले के पास बोरे में मिला था शव
इस दौरान मृतक सुनील के परिजन सुनील की तलाश में भटकते रहे और व्यापारी के न मिलने पर एसपी सिटी मान सिंह चौहान से शिकायत की लेकिन रात को ही नाले के पास शव को देखकर लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी तो मामला का पता चल गया। हलांकि हत्यारों ने कोई सुराग नहीं छोड़ा था लेकिन इस हत्या के बाद से लोगों में रोष व्याप्त हो गया था। गुस्साई भीड़ ने हापुड़ रोड जाम कर दिया और सुनील गर्ग की हत्या का खुलासा करने और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए जमकर हंगामा करते हुए पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। सुनील गर्ग संघ से भी जुड़े हुए थे, जिसके चलते बीजेपी के लोग भी मौके पर पहुंच गए और जल्द ही घटना के खुलासे का दबाव बनाने लगे।
पुलिस ने सीसीटीवी को खंगाला
पुलिस ने अपनी जाँच शुरू की और आसपास के सीसीटीवी कैमरों को खंगाला गया तो एक ऐसा ही रिक्शा दिखाई दिया, जिसमें बोरा रखा हुआ था, उसके साथ तीन लोग थे। पुलिस का शक गहरा गया। पुलिस ने अपने सर्विलांस की मदद ली तो एक नंबर सामने आया जिससे मृतक के नंबर के अलावा कुछ दिन पहले एक और व्यापारी को धमकी मिली थी। पुलिस ने मृतक सुनील गर्ग के परिजनों से पूछताछ की तो ये बात सामने आयी कि बसंत नाम के शख्स पर सुनील गर्ग के 90 हजार रुपये थे। पुलिस ने इसी बिंदु पर अपनी जांच आगे बढ़ाई और उक्त फोन नंबर को ट्रेस कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस के गिरफ्त में तीन
पुलिस ने बताया कि आरोपी बसंत टोटी का काम करता था। बसंत को टोटी के काम में घाटा होने लगा। बसंत मृतक सुनील गर्ग से उधार लोहा लिया करता था, जिसके चलते उस पर मृतक का कर्जा हो गया था। मृतक सुनील गर्ग बसंत से उधार के पैसो का तकाज़ा किया जिससे बसंत परेशान हो गया और उसने सुनील को खत्म करने की योजना बना डाली। बसंत ने अपने यहां काम करने वालो के साथ मिलकर सुनील गर्ग को रास्ते से हटाने का मन बना लिया। योजना के मुताबिक पहले तो आरोपी सुनील का अपहरण करते और उसके बाद 20 लाख की रंगदारी वसूलते और बाद में सुनील को मार देते लेकिन आनन फानन में आरोपियों ने सुनील को चाकुओं से गोद कर मार दिया और उसके शव को बोरे बंद करके में रिक्शा में रखकर नाले में फेंक दिया। आरोपी सीसीटीवी में क़ैद हो गए और सीसीटीवी में शव को ले जाते दिख रहे हैं।
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