कौन हैं मनीष मिश्रा जिन्हें कांग्रेस ने फूलपुर से अपना प्रत्याशी बनाया है, यहां जानिए उनके बारे में सबकुछ
इलाहाबाद। इलाहाबाद के झूसी इलाके में रहने वाले मनीष मिश्रा 47 साल के ठेठ कांग्रेसी हैं और उन नेताओं में से हैं जो कांग्रेस की नई बॉडी की धार दे रहे हैं। साथ ही वे कांग्रेस के अस्तित्व की लड़ाई में पहली पंक्ति के नेता हैं। मनीष मिश्रा ईमानदार छवि के नेता हैं जो लगातार कांग्रेस के लिए काम कर रहे हैं और इन्हें जमीन से जुड़ा हुआ वह मूल कांग्रेसी कहा जा सकता है। मनीष मिश्रा का गांव इलाहाबाद के जमुनीपुर में है हालांकि अब वह झूंसी में रहते हैं। इन्होंने एमबीए की पढ़ाई की है और अपना बिजनेस आर्ट अब राजनीति व कारोबार में दिखाते हैं।
राजनैतिक कौशल में परिपक्व
मौजूदा समय में मनीष मिश्रा उत्तर प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। लंबे समय से इन्होंने युवक कांग्रेस के लिए भी काम किया है और अब पार्टी ने इन पर भरोसा जताते हुए फूलपुर लोकसभा के उपचुनाव में अपना प्रत्याशी बनाया है। मनीष मिश्रा के प्रत्याशी बनाए जाने के पीछे राहुल गांधी से उनकी नजदीकी और गांधी परिवार से पुराना जुड़ाव भी है। फिलहाल मिश्रा राजनीतिक तौर पर परिपक्व हैं और युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ पुरानी पीढ़ी के भी दिग्गजों को साथ लेकर चलने में सक्षम हैं।
क्या है हैसियत
मनीष मिश्रा ने 2007 में विधानसभा चुनाव के दौरान जो शपथ पत्र दिया उसके अनुसार वह उस वक्त करोड़पति थे। अब चुनाव को बीते 11 साल हो गया है और तब से अब में बहुत बदलाव आ चुका है और मनीष मिश्रा की संपत्ति कई गुना बढ़ गई है। फिलहाल उनके नए शपथ पत्र के बाद उनकी मौजूदा हैसियत का सच सामने आयेगा, लेकिन 2007 में उनके पास क्या था वह हम आपको बताते है। मनीष मिश्रा द्वारा पूर्व में दी गई जानकारी के अनुसार वह 1 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति के मलिक के साथ और ₹8 लाख के यहां बकायेदार भी थे। इनके पास चल संपति में एक मारुति 800 गाड़ी, 10 ग्राम सोना, 14 लाख की जीवन बीमा पॉलिसी, ढाई लाख की पोस्टल सेविंग, एक लाख बांड, 300000 का बैंक डिपाजिट और ₹35000 कैश था। जबकि अचल संपत्ति में 1000000 रुपए कीमत की खेती करने योग्य 23 बिस्वा जमीन है, 91 लाख रुपए की कीमत के 3 घर भी है।
चुनावी बैकग्राउंड
मनीष मिश्रा के पिता जगदीश मिश्रा आईएएस अफसर थे और स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बाद व पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निजी सचिव रहे। जगदीश मिश्रा जाने माने कांग्रेसी दिग्गज नेता थे, इन्होंने नेहरू ग्राम भारती डीम्ड विश्वविद्यालय की स्थापना की थी। वह फूलपुर लोकसभा से दो बार चुनावी मैदान में उतरे, लेकिन दोनों बार वह कांग्रेस को जीत नहीं दिला सके। फिलहाल मनीष मिश्रा को राजनीतिक कैरियर बतौर उत्तराधिकारी मिली है जिसे वह बखूबी अंजाम दे रहे हैं।
पिछले दो दशक से ज्यादा समय से राजनीति में सक्रिय
राजनीति में पिछले दो दशक से ज्यादा समय से सक्रिय मिश्रा 2007 में इलाहाबाद की झूंसी विधानसभा से चुनाव लड़े, हालांकि विधानसभा चुनाव में उन्हें जीत नहीं मिली। इस बार मनीष मिश्रा को फूलपुर फतह के लिये टिकट दिया गया है, उनके कंधे पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है कि वह ना सिर्फ खुद जीत हासिल करें बल्कि अपने पिता के सपनों को पूरा करते हुए कांग्रेस की कोई सीट को वापस ला सकें।
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