Noida Road Renamed: यूपी सरकार ने बदला नोएडा की इस सड़क का नाम, दिग्गज पत्रकार पर हुआ नामकरण
Noida Road Renamed as Ramnath Goenka Marg: यूपी की योगी सरकार ने नोएडा की एक मुख्य सड़क जिस पर हर दिन लाखों की संख्या में यात्रा करते हैं उस सड़क का नया नामकरण किया है।
Noida Road Renamed as Ramnath Goenka Marg: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार शहरों, स्टेशनों और जगहों के नाम बदलने के लिए जानी जाती है। यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने अब नोएडा के मुख्य मार्ग का नाम बदलकर देश के दिग्गज पत्रकार के नाम कर दिया है। योगी सरकार ने नोएडा के प्रमुख मार्ग जो अमलताश मार्ग के नाम से जाना जाता उस रोड का नाम बदलकर फेमस पत्रकार रामनाथ गोयनका के नाम कर दिया है।
शनिवार को किया गया नए नाम का ऐलान
नोएडा की इस रोड के नए नामकरण का ऐलान शनिवार को नोएडा अथॉरिटी की बोर्ड मीटिंग में किया। अधिकारियों के अनुसार नोएडा की इस रोड का नाम बदलकर रामनाथ गोयनका के नाम पर करने की सिफारिश यूपी सीएम कार्यालय से की गई थी।
इस रोड का अब तक नाम अमलताश था
बता दें नोएडा की जिस रोड का नाम रामनाथ गोयनका के नाम पर किया गया है वो नोएडा सेक्टर 12/22 चौक से लेकर डीएनडी (Direct to Noida) को जाने वाली मुख्य रोड है जिसका नाम अमलताश मार्ग था। हर दिन इस रोड से लाखों की संख्या में लोग यात्रा करते हैं। लोग इंडियन एक्सप्रेस के संस्थापक और दिगगज, निर्भीक पत्रकार रामनाथ गाेयनका के योगदान को जाने इसलिए उनके नाम पर इस सड़क का नाम उनके नाम पर रख गया है।
इंडियन एक्सप्रेस न्यूज पेपर के संस्थापक रामनाथ गोयनका
बता दें इंडियन एक्सप्रेस न्यूज पेपर के संस्थापक रामनाथ गोयनका का निधन 1991 में हो गया था। सेक्टर 10 में अमलताश मार्ग का नाम बदल दिया है, जहां द इंडियन एक्सप्रेस का ऑफिस भी है।। न्यू ओखला इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (नोएडा) ने 28 फरवरी को इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है। विशेष कार्य अधिकारी इंदु प्रकाश सिंह ने बताया कि औद्योगिक विकास खंड -04 द्वारा भेजे गए लेटर के बाद नोएडा के अमलताश मार्ग का नाम बदलने का निर्णय लिया है और अब ये तुरंत से रामनाथ गोयनका के नाम से जानी जाएगी।
गोयनका ने आजादी से पहले 1932 में लांच किया था द इंडियन एक्सप्रेस
गौरतलब है कि 1904 में दरभंगा में जन्मेंं रामनाथ गोयनका अखबार में काम करना सीखने के लिए चेन्नई गए और 1932 में द इंडियन एक्सप्रेस को लॉन्च किया। इस अखबार को लांच करने के साथ गोयनका ने सुनिश्चित किया कि यह एक ऐसा अखबार बन जाए जो निडर, विश्वसनीय और पूरी तरह से स्वतंत्र हो और अपनी टैगलाइन 'जर्नलिज्म ऑफ करेज' पर खरा उतरे।
इंदिरा गांधी और इमरजेंसी से जुड़ा है रामनाथ गोयनका का इतिहास
1975-77 के इमरजेंसी के दौरान मूल अधिकारों के निलंबन का विरोध करने पर गोयनका स्वतंत्र प्रेस के प्रतीक बन गए।वर्ष 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जब देश भर में इमरजेंसी घोषित की थी तब दिग्गज पत्रकार रामनाथ गोयनका ने अपने अखबार में खाली पेज छापा था, जिसके बाद गोयनका का ये अखबार विरोध का अहम तरीका बन गया था। सेंसर किए गए संपादकीय के बजाय एक खाली संपादकीय प्रकाशित करने का उनका निर्णय तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार के लिए एक शक्तिशाली अनुस्मारक बन गया कि द इंडियन एक्सप्रेस नागरिकों के जानने के अधिकार के लिए प्रतिबद्ध रहेगा।
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