इतिहास के पन्नों तक सिमट कर रह जाएगा यूपी का मुगलसराय
वाराणसी। योगी सरकार मुगलसराय जिले का नाम बदलने जा रही है। अब इस जिले को पंडित दीन दयाल उपाध्याय नगर नाम से जाना जाएगा। सन, 1555 में हुमायू के शासनकाल के दौरान शेरशाह सूरी ने यहां पर दो सराय बनवाए थे जहां पर सेना का ठहराव होता था। इसी के नाम पर इस जगह का नाम मुगलसरया पड़ा। बाद में शेरशाह सूरी के बादशाह बनने पर इस जगह की चारों ओर प्रतिष्ठा बढ़ी। लेकिन सालों पुराने इस मुगलसराय को अब सिर्फ इतिहास के पन्नों में ही खोजा जा सकेगा। इस जिले के नए नामकरण का प्रस्ताव चदौली के सांसद और वर्तमान में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डाक्टर महेंद्र नाथ पांडेय ने राज्य और केंद्र सरकार को सौंपा था जिस पर केंद्र और राज्य दोनों सरकारों ने अपनी सहमति दे दी है।
ये हैं मुगलसराय का इतिहास
मुगलकाल में शेरशाह सूरी ने इस जिले में दो सराय बनवाओ थे एक अलीनगर और दूसरा गल्ला मंडी के पास और यही हो गया मुगलसराय। यही नहीं यहां के अलीनगर में मुगल शासनकाल में ठहरने के लिए मुगल चक भी बनाया गया था। तो वही गंगा नदी के होने के कारण सेना को रखने के लिए पड़ाव बनाया गया था जो आज सभी पड़ाव नाम से ही चर्चित हैं। जब18वीं शताब्दी में अंग्रेज अफसर मिस्टर ओवन यहां आए तो उन्होंने इसका नाम बदलकर ओवेनगंज रखा लेकिन प्रसिद्धि सराय और मुगलों के नाम से ही बढ़ती गई। लॉर्ड एल्गिन के समय में 1862 में मुगलसराय से दानापुर तक रेल लाइन बिछाया गया। जिसके बाद मुगलसराय से मिर्जापुर के बीच 1 जनवरी 1864 को रेलवे लाइन चालू किया गया। 1880 में भवन का निर्माण ब्रिटिश द्वारा कराया गया। 1976 में कमलापति त्रिपाठी ने एक करोड़ 11 लाख स्टेशन और बिल्डिंग को पास किया और 1982 तक काम चला और यात्रियों को समर्पित किया गया। इसके बाद यह मध्य रेलवे का मुख्यालय बना। मुगलसराय स्टेश में ही एशिया की सबसे बड़ी यार्ड है।
यही मिला था पंडित दीन दयाल का शव
11 फरवरी 1968 को पंडित दीन दयाल उपाध्याय का शव मुगलसराय स्टेशन के यार्ड में ही संदिग्ध परिस्तिथियों में मिला था। तमाम जांचों के बाद आज भी पंडित दीन दयाल उपाध्याय की मौत की असली वजह सामने नहीं आ चुकी है। भाजपा इन्हीं पंडित दीन दयाल को उपाध्याय को श्रद्धांजलि देने के लिए इस जगह का नाम बदलर उनके नाम पर रखना चाहती है।
बदल दिए जायेगे सरकारी भवनों के बोर्ड
oneindia से बात करते हुए चंदौली के अपर जिलाधिकारी बच्चा लाला ने बताया कि 4 अगस्त को शासन की तरफ से पत्र जारी किया गया था जिसमें जिले का नाम मुगलसराय से बदल कर पंडित दीन दयाल उपाध्याय नगर कर दिया गया। बीते 11 सितम्बर को तहसील और नगर पालिका परिषद को शासनादेश का पत्र जारी किया जा चूका हैं और इसमें साफ किया गया ही शासन के आदेश को जल्द से जल्द अमल में लाया जाये। जल्द ही तहसील से लेकर नगर पालिका परिषद के गेटों पर पंडित दीन दयाल उपाध्याय नगर का बोर्ड लगा दिया जायेगा। इस संबंध में भी सरकारी विभाग के अधिकारियो को आदेश प्रेषित कर दिया गया है।