राजनीतिक वजूद बचाने के लिए इस बार चुनावी मैदान में उतरेंगे वामदल
लखनऊ, 16 जनवरी: उत्तर प्रदेश में चुनावी सरगर्मी काफी तेज हो गई है। एक तरफ जहां सभी दल पहले और दूसरे चरण की सीटों पर उम्मीदार फाइनल करने में जुटे हैं वहीं दूसरी तरफ विधानसभा चुनाव में वामपंथी दलों का सियासी वजूद बचाने की जद्दोजहद जारी है। भाजपा विरोधी प्रमुख पार्टियां छोटे छोटे दलों को मिलाकर एक कारगर गठबंधन बनाने में जुटी हैं लेकिन अभी तक वाम दलों का न तो कोई बड़ा समझौता होता दिख रहा है और न ही इसकी कोई चर्चा है। दरअसल वामदलों का मकसद चुनाव जीतना नहीं बल्कि बीजेपी को चुनाव हराना है।
वाम दल उन्ही सीटो पर लड़ेगे जहां उनका प्रभाव ज्यादा है। सीपीआई एम ने केवल 6 सीटों पर चुनाव लडने का फैसला किया है। वहीं सीपीआई ने 60 सीटों पर चुनाव लडने का मन बनाया है। सीपीआई एम एक अकेली ऐसी पार्टी है जिसकी समाजवादी पार्टी से समझौते की बात चल रही है।
भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के राज्य सचिव बृजलाल भारती कहते हैं कि, हमारा मकसद चुनाव लडने से ज्यादा बीजेपी को हराना है। पिछली बार 2017 में जहां हमारी पार्टी 26 सीटों पर चुनाव लड़ी थी वहीं इस बार केवल 6 सीटों पर ही फोकस कर रही है। ये वो सीटें हैं खान पार्टी का जनाधार है।
भारती बताते हैं कि वाराणसी की रोहनिया, मिर्जापुर की मड़िहान, प्रयागराज की कोरांव, चंदौली की चकिया, देवरिया की सलेमपुर सीट पर प्रत्याशी उतरने की तैयारी है। इनमे से एक दो सीटों पर पहले भी सीपीआई एम जीत चुका है। बाकी एक दो सीटों पर जल्द ही फैसल लिया जाएगा। बाकी अन्य जगहों पर जहां वामदल जितने में सक्षम नहीं होगा वहां दूसरे दलों के उम्मीदवारों को समर्थन दिया जायेगा।
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भाकपा
माले
और
समाजवादी
पार्टी
के
बीच
चल
रही
बातचीत
भाकपा
माले
भी
समाजवादी
पार्टी
के
साथ
गठबंधन
करने
की
कोशिश
में
है।
वह
सपा
से
18
सीटों
का
दावा
कर
रही
है।
पार्टी
के
राज्य
सचिव
सुधाकर
कहते
हैं
कि
हम
बीजेपी
को
हरने
वाले
को
समर्थन
करने
का
निर्णय
किया
है।
अब
तक
हमारी
पार्टी
यूपी
में
40
से
ज्यादा
सीटों
पर
चुनाव
लड़ती
रही
है।
लेकिन
मतों
का
बिखराव
रोकने
के
लिए
इस
बार
काम
सीटों
पर
लड़ने
का
फैसला
किया
गया
है।
सपा
से
दो
दौर
की
वार्ता
हो
चुकी
है
जिसमे
पार्टी
ने
कालपी,
रायबरेली,
देवरिया,
बलिया
,
महाराजगंज,
मिर्जापुर,
सोनभद्र
चंदौली
की
18
सीटों
पर
दावा
किया
है।
बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने के लिए वामदलों ने भाजपा हरावो, वामपंथ को मजबूबित करने का नारा दिया है। भारत की कम्यूनिस्ट पार्टी यानी सीपीआई ने वाम दलों के अलावा अन्य दलों को भी संदेश दिया था लेकिन सकारात्मक रुख न मिलने की वजह से पार्टी अपने प्रभाव वाली सीटों पर अकेले लड़ने का फैसला किया है। सीपीआई के राज्य सचिव डॉक्टर गिरीश कहते हैं की हमने बीजेपी हारावो का नारा दिया है। सीपीआई ने इस बार 60 सीटों पर लड़ने का मन बनाया है। हम पूर्वाचल और बुदेलखांड में ज्यादा उम्मीदवार उतारेंगे।
वाम दलों के बीजेपी हराओ अभियान के दावे को लेकर बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता आनंद दुबे कहते हैं कि, इन लोगों का यूपी में कोई जनाधार तो है नही। इनके दावे में कोई दम नहीं है। बीजेपी इस बार अपने दम पर 300 से ज्यादा सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनायेगी।