सपा संग्राम खत्म करने को अंतिम दौर की बैठक जारी
समाजवादी पार्टी के भीतर मचे घमासान को खत्म करने के लिए आखिरी दौर की बैठक जारी, मुलायम और अखिलेश से तमाम नेता कर रहे हैं मुलाकात।
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के भीतर घमासान के बीच एक बार फिर से सुलह की कोशिशें शुरु हो गई हैं। एक तरफ जहां अमर सिंह, शिवपाल यादव, गायत्री प्रजापति ने आज मुलायम सिंह से मुलाकात की तो दूसरी तरफ शिवपाल यादव भी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात करने के लिए पहुंचे हैं। माना जा रहा है कि इस बैठक के जरिए एक आखिरी कोशिश सुलह के लिए की जा रही हैं, ऐस में यह देखना काफी अहम होगा कि क्या पार्टी के भीतर टिकटों के बंटवारे से लेकर तमाम विवादों की गुत्थी सुलझ सकती है कि नहीं।
सपा के भीतर बैठकों का दौर पिछले दो दिनों से लगातार चल रहा है, गुरुवार देर रात तक मुलायम सिंह, शिवपाल सिंह और अमर सिंह के बीच तकरीबन चार घंटे तक बैठक चली, जबकि सांसद धर्मेंद्र यादव व अभयराम ने भी मुलायम सिंह से मुलाकात की और पार्टी के भीतर सुलह को लेकर चर्चा की। गौरतलब है कि सपा के भीतर बंटे दो गुटों ने सपा पर स्वामित्व व चुनाव चिन्ह साइकिल पर अलग-अलग दावा ठोंका है। जिसके बाद चुनाव आयोग ने दोनों ही गुटों को इस मामले पर 9 जनवरी तक जवाब देने को कहा है।
अंसारी प्रकरण से शुरु हुआ विवाद
सपा के भीतर कलह की शुरुआत उस वक्त हुई थी जब कौमी एकता दल को सपा में विलय का ऐलान किया गया था, जिसके बाद अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव सहित कई लोगों को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। यह विवाद यहीं नहीं रुका, एक तरफ जहां अखिलेश ने मंत्रिमंडल में सफाई शुरु की तो दूसरी तरफ उन्हें प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया और धीरे-धीरे यह विवाद इस स्तर तक पहुंच गया कि अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव को पार्टी से छह साल के लिए बर्खास्त कर दिया गया। हालांकि भारी विरोध के चलते अगले चौबीस घंटे के भीतर दोनों का निष्कासन रद्द कर दिया गया लेकिन इसके बाद दोनों ही गुटों ने पार्टी के स्वामित्व को लेकर अपनी नूराकुश्ती शुरु कर दी है।
चुनाव की घोषणा के बाद भी जारी नूराकुश्ती
चुनाव आयोग ने चार जनवरी को प्रदेश में चुनावों की घोषणा कर दी थी और प्रदेश में सात चरणों में चुनाव का ऐलान किया था। जिसके बाद पार्टी के भीतर मचे घमासान को जल्द से जल्द खत्म किए जाने की कोशिश शुरु कर दी है। लेकिन इस तमाम विवाद के बीच सपा के उन उम्मीदवारों के सामने सबसे बड़ी समस्या यह खड़ी है कि वह किस चुनाव चिन्ह के तहत अपना चुनाव प्रचार करें, बहरहाल इन सारे विवादों के बीच अगर सपा की रार अगर जल्द खत्म नहीं होती है तो यह पार्टी के लिए काफी भारी पड़ सकता है।
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amar singh up assembly election 2017 ec uttar pradesh akhilesh yadav samajwadi party यूपी विधानसभा चुनाव 2017
English summary
Last round of meet for patch up in Samajwadi party begins. Many leaders are meeting with Mulayam and Akhilesh for the end of the rift.
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