किन दो लोगों के नंबर सेव थे आतंकी कमरुज्जमा के फोन में, व्हाट्सअप से मिली ये जानकारी
कानपुर। हिजबुल मुजाहिद्दीन के एक संदिग्ध आतंकी कमरुज्जमा को कानपुर से गिरफ्तार किया है। उत्तर प्रदेश एटीएस (एंटी टेररिजम स्क्वॉड) ने बुधवार की रात को जाल बिछाते हुए आतंकी को धर दबोचा। यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि यह आतंकवादी गणेश चतुर्थी पर कलेक्टरगंज स्थित सिद्धि विनायक मंदिर में हमले को अंजाम देने वाला था इसके लिए उसने तैयारी भी कर ली थी। इसके लिए उसने मंदिर में कई बार रेकी भी की थी और मंदिर की पांच मिनट की वीडियो क्लिप भी बनाई थी। एटीएस की प्रारंभिक जांच में कमरुज्जमा ने स्वीकार किया है कि वह हिजबुल का आतंकी है, इसके साथ ही एटीएस ने इस आंतकी के फोन की जांच की तो और भी कई अहम जानकारी सामने आई।
एटीएस के मुताबिक आतंकी के पास से ज्यादा कुछ सामान बरामद नहीं हुआ है। हां एटीएस को कमरुज्जमा का स्मार्टफोन हाथ लगा है। स्मार्टफोन में सिर्फ दो मोबाइल नंबर ही सेव थे। वह वाट्सएप ग्रुप के जरिये आतंकी संगठनों के संपर्क में था। गिरफ्तारी के पहले ही उसने मोबाइल से कई चैट व नंबर मिटा दिये थे। हालांकि एटीएस उसकी कॉल डिटेल के आधार पर भी छानबीन कर रही है।
बता दें कि अप्रैल में उसकी एक तस्वीर वायरल हुई थी। इसमें वह एके-47 लिए दिखाई दे रहा था। उसकी यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद वह सुरक्षा व खुफिया एजेंसियों की नजर में आया था। इस पोस्ट में उसने खुद को हिजबुल मुजाहिदीन का डॉ. हुरैरा होने का दावा किया था।
आईजी एटीएस असीम अरुण के अनुसार आरोपित ने खुद को हिजबुल मुजाहिदीन का सदस्य होने की बात स्वीकार की है। वह अप्रैल, 2017 में कश्मीर के किश्तवार निवासी ओसामा बिन जावेद के संपर्क में आया था, जिसके बाद दोनों ने एक साथ आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन ज्वाइन किया था।
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