चाय-नाश्ता न मिलने से नाराज चुनाव कर्मियों ने SDM को बनाया बंधक
चाय, नाश्ता न मिलने की वजह से मतदान कर्मियों ने मिर्जापुर में बवाला काटा। उन्होंने एसडीएम, तहसीलदार और सीओ नक्सल को बंधक बना लिया।
मिर्जापुर। अंतिम चरण के चुनाव में मिर्जापुर के मड़िहान सीट इलाके में 144 अतिरिक्त चुनाव कर्मचारियों ने चाय, नाश्ता और भोजन नहीं मिलने पर बुधवार की सुबह एसडीएम, तहसीलदार और सीओ नक्सल को बंधक बना लिया। उन्होंने तहसील परिसर का मुख्य गेट बंदकर करके जमकर नारेबाजी की। कर्मचारियों ने एसडीएम पर दुर्व्यवहार व गाली-गलौच करने का भी आरोप लगाया। दो घंटे बाद तहसील कर्मचारियों के हस्तक्षेप पर मामला शांत तो हुआ पर कर्मचारियों को दोपहर बारह बजे तक चाय.नाश्ता तक नसीब नहीं हुआ।
Read Also: मोदी की वजह से 120 साल के मतदाता ने पहली बार डाला वोट
नारेबाजी कर रहे अतिरिक्त में रखे गये पीठासीन प्रधान रमेश उपाध्याय ने बताया कि कर्मचारियों को मेन्यू के अनुसार चाय, नाश्ता व भोजन आदि देना था। लेकिन उन्हे न तो मंगलवार की शाम नाश्ता व भोजन दिया गया और न ही बुधवार की सुबह चाय, नाश्ता और भोजन दिया गया। जबकि आयोग ने कर्मचारियों को नाश्ता, भोजन और भत्ता के लिए मड़िहान विधान सभा को एक लाख 86 हजार रुपये भेजा है। जब इस समस्या से सुबह एसडीएम चंद्रपाल तिवारी से अवगत कराया गया तो वह नाश्ता, भोजन की व्यवस्था कराने के बजाय कर्मचारियों से उलझ गये और पीएसी बुलाने की धमकी देने लगे।
इस पर अतिरिक्त कर्मचारियों ने तहसील का मेन गेट बंदकर सुबह छह बजे एसडीएम, तहसीलदार के साथ सीओ नक्सल केपी सिंह को भी बंधक बना लिया। छह से आठ बजे तक कर्मचारियों ने जमकर हंगामा किया। तहसील कर्मचारियों ने विरोध कर रहे कर्मचारियों को सभागार में ले गये इसके बाद बाहर से दरवाजा बंद कर दिया। इसके बाद एसडीएम, सीओ और तहसीलदार अपने वाहनों से क्षेत्र में जा सके। चुनाव के मद्देनजर दुकानें बंद होने से कर्मचारियों को अपने पैसे से चाय नाश्ता करने में भी दिक्कत हुई। हंगामा करने वालों में पीठासीन प्रधान रमेश उपाध्याय के अलावा विमलेश द्वितीय, पीठासीन अधिकारी रवींद्र्र सिंह, हरि नारायण सिंह प्रथम, राजेश कुमार, बद्रीनरायण, आद्या प्रसाद प्रेक्षा अधिकारी द्वितीय, देव नरायण पांडेय आदि शामिल रहे।
Read Also: बीजेपी उत्तर प्रदेश हारी तो क्या होगा और जीती तो क्या?