कौन हैं जितिन प्रसाद, जिन्होंने कांग्रेस का हाथ छोड़कर पहना भगवा चोला, जानिए इसके क्या है मायने
लखनऊ, 9 जून। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस में चल रही अंदरूनी कलह के बीच कांग्रेस के दिग्गज नेता जितिन प्रसाद भाजपा में शामिल हो गए हैं। जितिन प्रसाद राहुल गांधी ही नहीं प्रियंका गांधी के काफी करीबी रहे है, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के पहले जितिन प्रसाद के भाजपा में शामिल होने से कांग्रेस का बड़ा झटका लगा हैं। आइए जानते हैं जितिन प्रसाद के बारें में खास बातें और भाजपा में उनके शामिल होने से भाजपा को क्या कोई फायदा मिल पाएगा?
जानें कौन हैं जितिन प्रसाद
जितिन प्रसाद कांग्रेस पार्टी में राष्ट्रीय सचिव भी रह चुके हैं और यूपीए सरकार में केन्द्रीय मंत्री की भी जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। जितिन प्रसाद कांग्रेस के बड़े नता जितेंद्र प्रसाद के बेटे हैं। जितेंद्र प्रसाद वो ही जिन्होंने 1998 में जब सोनिया गांधी ने चुनाव लड़ा था तब उनके खिलाफ खड़े हो गए थे लेकिन हार गए थे। जितिन प्रसाद धौरहरा लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं। मनमोहन सरकार में मंत्री भी रहे चुके हैं।
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राहुल गांधी के काफी करीबी रहें हैं जितिन प्रसाद
कांग्रेस के युवा नेताओं में शामिल रहे जिनित प्रसाद कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के काफी करीबी माने जाते रहे हैं और प्रियंका गांधी का भी जितिन प्रसाद पर भरोसा था यहीं कारण था कि पार्टी उन्हें उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2020 में महत्वूपर्ण जिम्मेदारी दी थी लेकिन अचानक जितिन ने हाथ के पंजे का साथ छोड़कर भगवा चोला पहन लिया है। याद रहें मध्यप्रदेश में मार्च 2019 में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी कांग्रेस को छोड़कर ऐसे ही बड़ा झटका दिया था, सिंधिया भी राहुल गांधी के काफी करीबी माने जाते थे।
जितिन प्रसाद ने कांग्रेस नेतृत्व में बदलाव की उठाई थी मांग
गौरतलब है कि जितिन प्रसाद ही उन 23 कांग्रेसियों में शामिल थे जिन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व में बदलाव कर पार्टी को पुर्नजीवित करने के लिए आलाकमान को पत्र लिखा था तब जितिन प्रसाद का विरोध भी हुआ था । इस सबके बावजूद पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में जितिन प्रसाद को चुनाव प्रभारी बना कर भेजा गया था लेकिन वो वहां कोई कमाल नहीं दिखा पाए कांग्रेस एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाई थी।
जितिन प्रसाद से भाजपा को क्या मिलेगा फायदा
उत्तर प्रदेश के कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार रहे जितिन प्रसाद का भाजपा में शामिल होना उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा से जोड़ कर देखा जा रहा है। जितिन प्रसाद भाजपा के ब्राहम्ण वोट बैंक के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं क्योंकि जितिन प्रसाद ही हैं जिन्होंने कांग्रेस में रहते हुए योगी सरकार को उत्तर प्रदेश में ब्राहम्णों के उत्पीड़न के मुद्दे पर घेरा था।
जितिन प्रसाद इन वोटरों को लुभाते आएंगे नजर
उत्तर प्रदेश में 14 फीसदी जनसंख्या ब्राह्मण वोटर की है और सीएम योगी के कुछ फैसलों से यूपी के ब्राह्मण नाराज चल रहे हैं ऐसे में वो विद्रोह कर सकते हैं। भाजपा अपने ब्राहम्ण वोटरों को हाथ से जाने नहीं देना चाहती ऐसे में जितिन प्रसाद भाजपा के ब्राह्मण वोटरों को लुभाने के लिए काफी अहम माने जा रहे हैं। जितिन प्रसाद ब्राह्मण चेतना मंच के माध्यम से ब्राहमणों के मुद्दों को उठाते आए हैं और ललितपुर, शाहजहांपुर के आस पास के क्षेत्रों में भाजपा को फायदा दिलवा सकते हैं। ब्राह्मणों की नाराजगी को कम करने के लिए भाजपा ने कांग्रेसी नेता को भगवा चोला पहनाया है।
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जितिन प्रसाद को क्या होगा फायदा
बता दें ज्योतिरादित्य सिंधिया को भाजपा में शामिल होने के बाद राज्यसभा भेज चुकी हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि ऐसे ही भाजपा में शामिल हुए जितिन प्रसाद को भी राज्यसभा भेज भी सकती हैं लेकिन इसके पहले भाजपा के यूपी मिशन 2022 के लिए जितिन प्रसाद को अहम भूमिका निभानी होगी।यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव में जितिन प्रसाद योगी के साथ ब्राहम्ण वोटरों को रिझाते नजर आ सकते हैं। बता दें 2019 में भी जितिन प्रसाद के भाजपा में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थी लेकिन तब ऐसा नहीं हुआ। अब जब कि जिनित प्रसाद भाजपा में शामिल हो चुके हैं तो अब ये आने वाला समय बताएगा कि एक और कांग्रेसी का जो भगवाकरण हुआ वो यूपी में क्या गुल खिलाएगा?