7 रुपये प्रति यूनिट वाली बिजली यूपी सरकार अभी कितने में खरीद रही है, योगी आदित्यनाथ ने बताया
लखनऊ, 17 अगस्त: कोयला संकट की वजह से महंगी बिजली खरीदने को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार भी मजबूर हो रही है। राष्ट्रव्यापी कोयला संकट के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहली बार इस संकट के बारे बताया है कि वह किस तरह से इस त्योहारी मौसम में प्रदेश में बिजली का इंतजाम कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी जानकारी दी है कि इस बार दिवाली की पूर्व संख्या पर सिर्फ पीएम आवास योजना के लाभार्थियों के प्रतीक के तौर पर 9 लाख दीये जलाए जाएंगे। जबकि, उस दिन बाकी योजनाओं को मिलाकर कुल 42 लाख दीये जलाने की तैयारी है।
22 रुपये प्रति यूनिट बिजली खरीद रही है यूपी सरकार
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने रविवार को बताया है कि उनकी सरकार विभिन्न स्रोतों से इस वक्त 22 रुपये प्रति यूनिट बिजली खरीद रही है, ताकि त्योहारी मौसम पर किसी तरह का विपरीत प्रभाव न पड़े। शायद उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री के स्तर पर कोयला संकट की वजह से पैदा हुई अप्रत्याशित स्थिति पर पहली बार यह खुलासा किया है। सीएम योगी ने यह बात यूपी चुनाव से पहले ओबीसी समुदाय के बीच पार्टी की पैठ बढ़ाने के इरादे से चल रही सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन में कही है। उन्होंने कहा है कि 'हम किसी भी जिले में बिजली संकट की वजह से त्योहारों को खराब नहीं होने देंगे।' उन्होंने बताया कि सामान्य दिनों में वही बिजली 7 रुपये प्रति यूनिट के दर से खरीदी जाती थी।
90,000 करोड़ रुपये के घाटे में है यूपीपीसीएल-रिपोर्ट
इससे पहले मुख्यमंत्री ने बिजली अधिकारियों से कहा था कि वह कोयला संकट को लेकर केंद्र और कोल इंडिया लिमिटेड के साथ समन्वय करें, क्योंकि यूपी पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) पहले से ही वित्तीय संकट झेल रहा है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह पहले से ही करीब 90,000 करोड़ रुपये के घाटे में है और ऊपर से महंगी बिजली से इसपर दबाव और बढ़ने की आशंका है। हालांकि, जिस संकट की वजह से दिल्ली, पंजाब और तमिलनाडु जैसी कई सरकारें भारी तनाव में नजर आ रही थीं, यूपी में अबतक कोई इतना कोहराम नहीं दिखा है। दो दिन पहले तक तो दिल्ली सरकार कोई न कोई नए दावे के साथ सामने आ रही थी।
केंद्र ने कोयले की सप्लाई का लगातार दिया है भरोसा
बता दें कि कोविड पाबंदियों की वजह से मांग में कमी के चलते कोयला उत्पादन घट गया था, जिसके चलते ज्यादा स्टॉक नहीं बच गए थे। लेकिन, धीरे-धीरे अर्थव्यवस्था में तेजी आने के चलते बिजली की खपत बढ़ने लगी। लेकिन, कोयले का स्टॉक कम होने से मांग के मुताबिक कोयले की सप्लाई में दिक्कत शुरू हो गई। ऊपर से बारिश की वजह से खदानों में पानी भरे होने के चलते उत्पादन को पटरी पर लाना भी मुश्किल हो गया था। हालांकि, केंद्र सरकार लगातार कहती रही है कि बिजली संयंत्रों को उनकी जरूरतों के मुताबिक कोयले की कमी नहीं रहने दी जाएगी।
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अयोध्या में दीपोत्सव पर जलेंगे 42 लाख दीये
इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि 2017 में अयोध्या में दीपोत्सव के लिए उनकी सरकार 51,000 दीये खरीदने की स्थिति में नहीं थी। उन्होंने कहा कि 'इस बार हम अयोध्या में दिवाली की पूर्वसंख्या पर उन 9 लाख घरों के प्रतीक के तौर पर 9 लाख दीये जलाएंगे, जिनका प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्माण और आवंटन हुआ है।' उन्होंने बताया कि ये दीये अयोध्या के आसपास रहने वाले प्रजापति समाज के लोगों की ओर से तैयार किया जा रहा है। कुल मिलाकर विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों के लिए 42 लाख दीये जलाए जाएंगे।