प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में दो करोड़ का घोटाला, 3 बैंक मैनेजर्स पर FIR
इलाहाबाद। यूपी के इलाहाबाद जिले में 1000 से अधिक किसानों के पैसे अधिकारियों ने डकार लिए हैं। मामला प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जुड़ा हुआ है। किसानों को बीमा के तहत मिलने वाली रकम का अधिकारियों ने बंदर बंदर बांट कर लिया है और लगभग 2 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला सामने आया है। मामले में उपनिदेशक कृषि विनोद शर्मा ने 2 बैंक शाखा के प्रबंधकों समेत इंश्योरेंस कंपनी के वरिष्ठ प्रबंधक पर एफआईआर दर्ज कराई है। जबकि डीएम ने इस मामले में कमेटी बनाकर जांच शुरू करवा दी है। वहीं, केंद्र सरकार की ओर से कृषि मंत्रालय ने इस मामले पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, साथ ही सभी डेटा सुरक्षित रखने का निर्देश दिया है। अगले सप्ताह केंद्र से भी जांच के लिए इलाहाबाद टीम आएगी। वहीं, इस मामले में बैंक अधिकारियों ने किसानों के डाटा में गड़बड़ी होने से दूसरे किसानों को बीमे की रकम दिए जाने की बात कही है।
क्या
है
मामला
इलाहाबाद
के
मांडा
इलाके
के
किसानों
ने
प्रधानमंत्री
फसल
योजना
के
तहत
अपनी
फसल
का
बीमा
कराया
हुआ
था।
बीमा
के
तहत
पंजाब
नेशनल
बैंक
की
शाखा
हाता
व
एक
अन्य
मांडा
में
किसानों
ने
इसके
लिए
लगभग
25
लाख
रुपये
का
प्रीमियम
भी
भरा
था।
लेकिन,
फसल
को
नुकसान
पहुंचने
के
बाद
जब
किसानों
को
बीमा
की
रकम
देने
की
बारी
आई
तो
उनके
डाटा
से
छेड़छाड़
हुआ।
कुछ
किसानों
को
तो
पैसे
का
भुगतान
कर
दिया
लेकिन,
बड़े
पैमाने
पर
पात्र
किसानों
के
पैसे
में
हेराफेरी
कर
दी
गई।
बीमा
की
रकम
न
मिलने
से
परेशान
किसानों
ने
कलेक्ट्रेट
में
हंगामा
किया
तो
मामले
में
डीएम
ने
जांच
बैठा
दी।
जांच
में
बैंक
अधिकारियों
व
इंश्योरेंस
कंपनी
द्वारा
घालमेल
करने
की
बात
उजागर
हुई,
पता
चला
कि
किसानों
के
डाटा
से
छेड़छाड़
कर
लगभग
2
करोड़
से
अधिक
रुपये
का
घोटाला
किया
गया
है।
केंद्र
सरकार
को
भेजी
रिपोर्ट
मामले
में
उप
निदेशक
कृषि
विनोद
शर्मा
ने
दोनों
बैंक
शाखा
के
तत्कालीन
प्रबंधक
रवि
रंजन
पटेल
व
रूपेश
कुमार
झा
के
साथ
इंश्योरेंस
कंपनी
के
वरिष्ठ
प्रबंधक
निलेश
गर्ग
के
खिलाफ
एफ
आई
आर
दर्ज
कराई
है।
उपनिदेशक
ने
बताया
कि
पीएनबी
की
मांडा
शाखा
में
764
तथा
हाता
शाखा
में
1114
किसानों
की
फसल
का
बीमा
किया
गया
है।
इसके
बदले
में
2500000
रुपए
से
अधिक
के
प्रीमियम
का
भुगतान
भी
किया
गया
है।
इंश्योरेंस
कंपनी
ने
कुछ
किसानों
का
भुगतान
तो
किया
है
लेकिन,
बड़े
पैमाने
पर
भुगतान
में
गड़बड़ी
का
मामला
सामने
आया
है।
2
करोड़
रुपये
से
अधिक
के
भुगतान
में
हेराफेरी
की
गई
है।
केंद्र
सरकार
को
रिपोर्ट
भेज
दी
गई
है।
केंद्र
से
भी
इसके
लिए
जांच
टीम
आ
रही
है,
जो
भी
डाटा
मौजूदा
समय
में
है
उसे
सुरक्षित
कर
लिया
गया
है।
अब
यह
बैंक
और
इंश्योरेंस
कंपनी
की
जिम्मेदारी
होगी
कि
वह
सभी
पात्र
किसानों
को
बीमा
की
रकम
उपलब्ध
कराएं
अन्यथा
उनके
विरुद्ध
कड़ी
कार्रवाई
होगी।
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