'भरपेट खाये बिना सो जाता था पर मां को नहीं बताता था', संघर्ष के दिनों को याद कर भावुक हुआ RR का गेंदबाज
नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग के 15वें सीजन में जहां चैम्पियन टीमों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है तो वहीं पर कई टीमों ने अपने प्रदर्शन से चौंकाने का काम किया है। इस फेहरिस्त में राजस्थान रॉयल्स की टीम का नाम भी शामिल है जो कि आईपीएल 2022 के प्लेऑफ में क्वालिफाई करने की सबसे बड़ी दावेदार टीमों में से एक है और टॉप-2 में क्वालिफाई करने की कगार पर खड़ी है। राजस्थान रॉयल्स को अपना अगला मुकाबला रविवार को लखनऊ सुपरजाएंटस के खिलाफ खेलना है। जहां लखनऊ सुपर जाएंटस की टीम 16 अंकों के साथ दूसरे पायदान पर काबिज है तो वहीं पर राजस्थान रॉयल्स की टीम 14 अंकों के साथ तीसरे पायदान पर टिकी हुई है।
राजस्थान रॉयल्स की टीम ने इस सीजन बेहतरीन प्रदर्शन किया है और खिताब जीतने की प्रबल दावेदार बनी हुई है। जहां राजस्थान रॉयल्स के सलामी बल्लेबाज जोस बटलर ने इस सीजन 3 शतकीय पारी खेलकर 12 पारियों में 625 रन बना लिये हैं तो वहीं पर युजवेंद्र चहल की फिरकी के जादू ने विपक्षी टीमों की कमर तोड़ने का काम किया है। चहल ने 12 पारियों में 23 विकेट चटकाने का काम किया है और 60वें मैच से पहले तक पर्पल कैप उन्हीं के सर पर मौजूद थी।
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अनुनय सिंह ने सुनाई संघर्ष की कहानी
इन दोनों खिलाड़ियों के अलावा भी राजस्थान रॉयल्स की टीम में कई स्टार बॉलर मौजूद हैं जिसमें ट्रेंट बोल्ट, प्रसिद्ध कृष्णा, रविचंद्रन अश्विन और खुद चहल शामिल हैं। किसी भी टीम में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर्स की मौजूदगी उसके अनकैप्ड युवा खिलाड़ियों के लिये सीखने का बड़ा मौका होती है और यह मौका टीम के 29 वर्षीय ऑलराउंडर अनुनय सिंह को भी मिल रहा है। राजस्थान रॉयल्स की टीम ने बिहार से आने वाले इस खिलाड़ी को मेगा ऑक्शन के दौरान 20 लाख रुपये के बेस प्राइस में खरीदकर अपने खेमे में शामिल किया है। जहां अभी तक इस खिलाड़ी को इस सीजन डेब्यू करने का मौका नहीं मिला है तो वहीं पर घरेलू स्तर पर इस खिलाड़ी ने अपने प्रदर्शन से काफी प्रभावित किया है।
अच्छी नहीं है परिवार की आर्थिक स्थिति
राजस्थान रॉयल्स की ओर से शेयर किये गये एक वीडियो में अनुनय सिंह ने अपने क्रिकेट करियर के सफर को याद किया है और बताया है कि कैसे यहां तक पहुंचने के लिये उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ा है।
उन्होंने कहा,'मैं एक मध्यमवर्गीय परिवार से आता हूं, जहां पर सिर्फ मेरे पिता है घर में कमा कर लाते हैं और पूरा परिवार उस पर गुजारा करता है। मैंने कई बार अपने परिवार की आर्थिक मदद करने के लिये पार्ट टाइम जॉब करने का विचार किया कि मैक्डॉन्ल्डस या फिर कहीं और छोटी सी नौकरी कर 7-8 हजार कमा सकूं और थोड़ी सी मदद कर सकूं, लेकिन फिर मैंने सोचा कि अगर मैं काम करूंगा तो मेरा अभ्यास प्रभावित होगा।'
कई रात आधा पेट खाकर सोया
बिहार के लिये घरेलू स्तर पर खेलने वाले अनुनय सिंह दायें हाथ से बल्लेबाजी करते हैं जबकि गेंदबाजी में मीडियम गति से गेंद फेंकते हैं। अनुनय सिंह ने अब तक 8 लिस्ट ए, एक फर्स्ट क्लास और एक टी20 मैच में शिरकत की है और 12 विकेट के साथ ही 47 रन भी बनाये हैं। अनुनय सिंह ने अपने संघर्ष पर बात करते हुए क्रिकेट को एक महंगा खेल बताया है।
उन्होंने कहा,'क्रिकेट हमेशा से एक महंगा खेल रहा है और आज भी है। मैं इस बारे में घर पर बात नहीं करता था। मेरे सीनियर्स अक्सर मदद करने के लिये अपने जूते और सामान मुझे दे दिया करते थे। कई बार ऐसी रातें भी गुजरी हैं जब मैंने भरपेट खाना नहीं खाया है और सिर्फ दूध-रोटी खाकर सो गया हूं। अगर कोई भी बेटा भरपेट खाये बिना सो जायेगा तो दुनिया की किसी भी मां को नींद नहीं आयेगी, इसीलिये मैं मां को नहीं बताता था।'
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कई बार झेलना पड़ा रिजेक्शन
अनुनय सिंह ने बताया कि मौकों की तलाश में उन्होंने कई जगह ट्रॉयल्स में हिस्सा लिया लेकिन उन्हें हर जगह से रिजेक्शन ही मिलता था, लेकिन उसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और अपना खेल सुधारने में लगे रहे।
उन्होंने कहा,'मेरे जीवन में अब तक काफी उतार-चढ़ाव आये हैं। कई बार आपको पहले से ही पता चल जाता था कि आपको टीम में नहीं लिया जायेगा और आप रिजेक्ट होने वाले हैं। मैंने एमआरएफ और रेडबुल के लिये कई बार ट्रॉयल्स दिये लेकिन कई बार मुझे रिजेक्शन का सामना करना पड़ा। इस दौरान चोटिल भी हुआ और अक्सर पीठ के दर्द से गुजरना पड़ता था लेकिन मैंने इन सबको सहा और अपने खेल को लगातार सुधारा।'