IPL 2023: जडेजा की हो सकती है CSK से छुट्टी, ट्रेडिंग विंडो के तहत दूसरी फ्रेंचाइजी में मारेंगे एंट्री!
आईपीएल फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपर किंग्स अपने स्टार ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा के साथ आगे का करार खत्म कर सकती है। ऐसी उम्मीद है कि ट्रेड विंडो नवंबर के आसपास या दिसंबर की शुरुआत में खुलेगी।
नई दिल्ली, 18 अगस्त। आईपीएल फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपर किंग्स अपने स्टार ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा के साथ आगे का करार खत्म कर सकती है। ऐसी उम्मीद है कि ट्रेड विंडो नवंबर के आसपास या दिसंबर की शुरुआत में खुलेगी। जिसके तहत रवींद्र जडेजा को किसी और टीम खरीद सकती है। रवींद्र जडेजा का पिछला आईपीएल सीजन काफी खराब गुजरा था। जिसके बाद सीएसके मैनेजमेंट और रवींद्र जडेजा के बीच अनबन की खबरें सामने आने लगी थी।
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नवंबर या दिसंबर में खुलेगी ट्रेड विंडो
आईपीएल में शामिल सभी 10 टीमों को नवंबर या दिसंबर में खुलने वाली ट्रेड विंडो के खत्म होने से पहले खिलाड़ियों की अदला-बदली के कार्य को पूरा करना होगा। उन्हें अपने खिलाड़ियों की लिस्ट आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल को सौंपना होगा। इसके बाद गवर्निंग काउंसिल अगले साल जनवरी-फरवरी में होने वाली नीलामी से पहले एक सूची तैयार करेगी जिसमें नीलामी में शामिल होने वाले खिलाड़ियों के नाम दिए जाएंगे।
सीएसके कर सकती है जडेजा की छुट्टी
चेन्नई सुपर किंग्स के रवींद्र जडेजा पर कई टीमों की नजरें बनी हुई है। पिछले कुछ दिनों से लगातार ऐसी खबरें सामने आ रही है कि सीएसके की टीम रवींद्र जडेजा को टीम से बाहर का रास्ता दिखा सकती है। साल 2012 में फ्रैंचाइज़ी में शामिल होने वाले भारतीय ऑलराउंडर जडेजा ट्रेड विंडो के तहत इस साल किसी दूसरे टीम का हिस्सा बन सकते हैं। जडेजा की कप्तानी में चेन्नई की टीम बेदम नजर आई थी।
जडेजा के अलावा इन खिलाड़ियों पर भी रहेगी नजरें
रवींद्र जडेजा (सीएसके) के अलावा टाइमल मिल्स (एमआई), एडम मिल्ने (सीएसके), मनीष पांडे (एलएसजी), विजय शंकर (जीटी) और शाहरुख खान (PBKS) इन खिलाड़ियों पर भी फ्रेंचाइजियों की नजरें होंगी। ये सभी वो नाम है जो इस साल ट्रेड विंडो खुलने के साथ ही किसी दूसरी टीम में शिफ्ट हो सकते हैं। रवींद्र जडेजा की तरह ही मनीष पांडे लखनऊ की ओर से बुरी तरह फ्लॉप साबित रहे थे।
जानिए आखिर क्या होता है ट्रेड विंडो
आईपीएल गवर्निंग काउंसिल टूर्नामेंट में भाग ले रही सभी फ्रेंचाइजी टीमों को नीलामी से पहले एक समयसीमा देती जिसके अंदर यह फ्रेंचाइजियां अपने पास उपलब्ध खिलाड़ियों की वह सूची तैयार करती हैं जिन्हें उन्हें आगामी सीजन में रिटेन करना होता है। इसके साथ ही अगर उन्हें दूसरी टीम को कोई खिलाड़ी नीलामी से पूर्व चाहिये होता है तो वह ट्रेडिंग विंडो के जरिये आपस में करार करते हैं जिसमें खिलाड़ी अपने पुराने बेस प्राइस पर दूसरी टीम को सौंपाा जाता है।