IND vs SA: दोनों ही टीमें अपनी जगह अब दमदार, पूरे रोमांच के साथ टेस्ट क्रिकेट केपटाउन में है तैयार
केपटाउन, 11 जनवरी, 2022: आज जब भारत दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के अंतिम मुकाबले में खेलने के लिए उतरेगा तो विराट कोहली टीम में वापसी कर चुके होंगे और भारत अपने नियमित कप्तान के अंडर में केपटाउन में वही प्रदर्शन दोहराना चाहेगा जो कई सालों से वह विदेशी पिचों पर कर रहा है। केएल राहुल की अगुवाई में भारत ने अपना पिछला मुकाबला बहुत अच्छा नहीं खेला और सेंचुरियन में जीतकर मिली लीड को वांडरर्स में गंवा दिया।
उस हार के बावजूद भारत आज फेवरेट के तौर पर उतरेगा लेकिन प्रोटियाज का हराना अब उतना आसान नहीं होगा क्योंकि भारत ने केपटाउन के न्यूलैंड्स मैदान पर कभी भी जीत दर्ज नहीं की है। हालांकि भारत ने इससे पहले कभी वांडरर्स में हार का भी स्वाद नहीं चखा था।
कोहली की वापसी भारत के लिए बहुत कुछ कहती है। विपक्षी कप्तान डीन एल्गर भी स्वीकार कर चुके हैं कि भारत ने अपने नियमित कप्तान को दूसरे टेस्ट में कितना मिस किया। सुनील गावस्कर ने दूसरे टेस्ट के तुरंत बाद ही बता दिया था कि केएल राहुल चीजों को कितना बेहतर कर सकते थे लेकिन वो हो नहीं सकी। भारत को कोहली की कमी खली थी, शायद इसी वजह से कोहली ने माना है कि उनको दूसरा टेस्ट मैच मिस करने का दुख है। अब उनकी वापसी टीम का डायनेमिक्स फिर बदलेगी। बस भारत यह चाहेगा कि कप्तान अपने बल्ले से भी फॉर्म का स्वाद चख लें।
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इस मैच में कुछ मजबूरी वाले बदलाव देखने को मिलेंगे। हनुमा विहारी पिछले टेस्ट मैच में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद आज प्लेइंग इलेवन का हिस्सा बनते हुए नहीं दिखाई दे रहे हैं क्योंकि कोहली ने हिंट दिया है कि भारत तुरंत पुजारा-रहाणे को छोड़ने का जोखिम नहीं उठा सकता। इन दोनों बल्लेबाजों ने जोहांसबर्ग टेस्ट की दूसरी पारी में ठोस अर्धशतक लगाए थे। लेकिन विहारी भी बुरे नहीं थे पर भारत अपने दो अनुभवी खिलाड़ियो के साथ वापस आता है तो हनुमा की दुर्भाग्यशाली विदाई तय है। उनको इंतजार करना होगा।
दूसरी और अनुभवी ईशांत शर्मा युवा मोहम्मद सिराज के स्थान पर वापस आते हुए दिखाई दे रहे हैं। शर्मा को नियमित तौर पर टीम में होना चाहिए था लेकिन एक हल्की खराब फॉर्म भी उनको बाहर बैठा देती है क्योंकि भारत के पास तेज गेंदबाजी विकल्पों की कमी नहीं है। अनुभवी ईशांत के पास अपना प्रभाव छोड़कर भारत को मैच जिताने का सुनहरा मौका है। नजरें बुमराह पर होंगी जो पिछले मैच में खास नहीं लगे।
भारत बदलावों के साथ उतरेगा और उम्मीद करेगा कि दूसरे टेस्ट को भुलाकर सेंचुरियन की लय को आगे बढ़ाया जाए। जबकि दक्षिण अफ्रीका की कोशिश होगी कि सेंचुरियन की हार को भुलाकर जोहांसबर्ग की जीत को आगे बढ़ाया जाए। डीन एल्गर की फॉर्म प्रचंड है, कैगिसो रबाडा तूफानी लगने लगे हैं। तेंबा बावुमा क्लास बल्लेबाज के तौर पर उभर रहे हैं जबकि युवा केगन पीटरसन तकनीकी तौर पर ठोस हैं। कुल मिलाकर भारत के लिए रोमांचक चुनौतियां कम नहीं है। अगर दोनों टीमें अपने बेहतरीन खेल पर अड़ गई तो यह एक मसालेदार टेस्ट मैच साबित हो सकता है।