Team India: कितने ओपनर आजमाओगे भई! मिडिल ऑर्डर की हालत तो देखो!
बेहतर परफोरमेंस के लिए प्रयोगधर्मी होना अच्छी बात है। लेकिन जरूरत से अधिक प्रयोग क्या फायदेमंद होगा? टी-20 विश्व कप के पहले सलामी जोड़ी को लेकर भारत हद से से ज्यादा प्रयोग कर रहा है।
स्पोर्ट्स डेस्क, जुलाई 30: बेहतर परफोरमेंस के लिए प्रयोगधर्मी होना अच्छी बात है। लेकिन जरूरत से अधिक प्रयोग क्या फायदेमंद होगा? टी-20 विश्व कप के पहले सलामी जोड़ी को लेकर भारत हद से से ज्यादा प्रयोग कर रहा है। वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टी20 मैच में रोहित के साथ सूर्यकुमार यादव ने पारी की शुरुआत की। इसके पहले इंग्लैंड में रोहित ने ऋषभ पंत के साथ ओपनिंग की थी। ईशान किशन भी रोहित के साथ पारी शुरू कर चुके हैं। आयरलैंड के खिलाफ संजू सैमसन ने ईशान किशन के साथ प्रारंभिक बल्लेबाजी की थी। लेकिन इन सारे प्रयोगों का क्या मतलब रह जाएगा जब केएल राहुल टीम में वापस आएंगे? राहुल ही रोहित के वास्तिवक साझीदार हैं। योग्यता और आंकड़ों के हिसाब से टी-20 में रोहित-राहुल की सलामी जोड़ी सबसे बेहतर है।
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रोहित-राहुल की जोड़ी विश्व में दूसरे स्थान पर
टी-20 में ओपनिंग स्टैंड के लिए अगर शतकीय साझेदारी की बात करें तो भारत की सबसे सफल जोड़ी रोहित शर्मा और केएल राहुल की है। दोनों ने 2016 से 2021 के बीच 27 मैचों में 5 बार शतकीय साझेदारी की है। दोनों के बीच 8 बार अर्धशतकीय साझेदारी भी हुई है। इस लिहाज से टी-20 में रोहित-राहुल की जोड़ी विश्व में दूसरे स्थान पर है। पाकिस्तान के बाबर आजम-रिजवान की जोड़ी ही इनसे आगे है। बाबर-रिजवान ने 2019 से 2022 के बीच 28 मैचों में 6 बार शतकीय साझेदारी की है। अगर रनों के हिसाब से आंका जाय तो रोहित और शिखर धवन की जोड़ी दुनिया में नम्बर एक है। दोनों ने 52 टी-20 मैचों में 1743 रन बनाये हैं। लेकिन शतकीय साझेदारी के मामले में यह जोड़ी रोहित-राहुल से पीछे है।
केएल की जगह पक्की
शिखर धवन अब भारत की टी-20 टीम में नहीं हैं। इसलिए केएल राहुल ही रोहित के वाजिब जोड़ीदार हैं। चूंकि स्वास्थ्य कारणों से वे अभी नहीं खेल रहे इसलिए इतने प्रयोग हो रहे हैं। टी-20 विश्वकप में अभी समय है। इसके पहले के एल राहुल टीम में जुड़ जाएंगे। तब फिर इतने प्रयोग का क्या मतलब रह जाएगा? क्या मध्यक्रम में कुछ प्रतिभावान खिलाड़ियों को जगह देने के लिए ऐसा किया जा रहा है?
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सूर्यकुमार यादव को ओपनर क्यों बनाया?
सूर्य कुमार यादव टॉप ऑर्डर बल्लेबाज हैं। वन डाउन हो या मिडिल ऑर्डर, उन्होंने अपनी बल्लेबाजी की छाप छोड़ी है। उन्होंने इतने क्रिकेटिंग शॉट्स इजाद किये हैं कि उन्हें दुनिया का श्रेष्ठ 'इनोवेटिव बैटर' कहा जा रहा है। एबी डिविलियर्स के बाद उन्हें सम्पूर्ण 360 डिग्री बल्लेबाज माना जा रहा है। लेकिन पिछले कुछ मैचों से भारत की मध्यक्रम की बल्लेबाजी लड़खड़ायी हुई है। वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टी-20 में जीत के बाद कप्तान रोहित शर्मा ने इस कमी को उजागर भी किया था। ऐसे में एक भरोसेमंद मध्यक्रम बल्लेबाज को ओपनिंग बैटर बनाया क्यों गया? क्या इससे उनका ध्यान भंग नहीं होगा? ओपनर को एक अलग माइंडसेट के साथ खेलना पड़ता है। जब प्रारंभिक बल्लेबाजी के लिए कई नियमित विकल्प मैजूद हैं तो फिर सूर्य कुमार के आजमाये हुए जगह को क्यों बदल दिया गया?
हुड्डा ने किया प्रभावित
अभी मिडिल ऑर्डर पर फोकस किया जाना चाहिए। वन डाउन बल्लेबाज के रूप में दीपक हुड्डा ने आयरलैंड में प्रभावित किया था। वे बॉलिंग में भी योगदान दे सकते हैं। टी-20 फॉरमेट के लिए वे एक बेहतर विक्लप हैं। लेकिन प्रतिभा के बावजूद टीम में उनके लिए जगह नहीं बन पा रही है। अगर टीम में विराट कोहली की वापसी होती है तो वन डाउन पर उनके ही खेलने की उम्मीद है। अभी इस स्थान पर श्रेयस अय्यर खेल रहे हैं। अब हालत ये है कि एक-एक स्थान के लिए कई खिलाड़ी प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। अगर प्रदर्शन ही चयन का आधार रहा तो किसी का भी पत्ता कट सकता है।
कैसी है मध्यक्रम की बल्लेबाजी?
टी-20 विश्वकप में अब करीब ढाई महीने ही रह गये हैं। वेस्टइंडीज के खिलाफ त्रिनिदाद में खेले गये पहले एक दिवसीय मैच में भारत की मध्यक्रम बल्लेबाजी बिल्कुल बिखर गयी थी। अगर दिनेश ने विशेष पारी नहीं खेली होती तो भारत का स्कोर 160 के आसपास निबट जाता। दिनेश कार्तिक ने विस्फोटक बल्लेबाजी करते हुए आखिरी दो ओवरों में 36 रन जुटाये। अश्विन ने भी उनका अच्छा साथ दिया। सूर्य कुमार के ओपनिंग में उतरने से मध्यक्रम दबाव में आ गया था। श्रेयस 0, पंत 14 और हार्दिक 1 पर आउट हो चुके थे। 138 रन पर भारत के 6 विकेट गिर चुके थे। तेज शुरुआत का कोई फायदा नहीं मिल सका। जब वेस्टइंडीज की औसत बॉलिंग के सामने ये हाल है तो विश्वकप में स्तरीय गेंदबाजों के सामने क्या स्थिति होगी? अगर सलामी जोड़ी फेल हो गयी तब क्या होगा?
मध्यक्रम में भरो जान
2021 के टी-20 विश्वकप में भारत अपनी लचर बल्लेबाजी के कारण ही पाकिस्तान के खिलाफ पहला मैच हार गया था। इस मैच में न रोहित चले थे न राहुल। रोहित 0 और राहुल 3 रन पर चलते बने थे। कोहली ने सिर्फ 57 रन बनाये थे। मध्यक्रम में सिर्फ ऋषभ पंत ने ही 30 गेंदों पर 39 रनों की तेज पारी खेली थी। सूर्य कुमार और रवीन्द्र जडेजा ने इस मैच में निराश किया था। भारत पाकिस्तान के खिलाफ केवल 151 रन ही बना सका था। 2022 के टी-20 विश्वकप में भी भारत का पहला मुकाबला पाकिस्तान से ही है। इसलिए समय रहते भारत को मध्यक्रम की बल्लेबाजी दुरुस्त करनी होगी।