अगले दिनेश कार्तिक साबित हो सकते हैं पुजारा, CSK की 'कृपा' के बाद हो सकता है ये चमत्कार
नई दिल्ली, 17 सितंबर: टी20 वर्ल्ड कप की टीम में दिनेश कार्तिक का नाम इस साल की शुरुआत तक दूर-दूर कहीं नहीं था। कोई उनके खेलने की संभावनाओं पर भी बात कर ले तो मजाक उड़ना तय था। पर कार्तिक ने आईपीएल और फिर उसके दम पर टीम इंडिया में मिले मौकों को ऐसे भुनाया कि आज वह टी20 वर्ल्ड कप की भारतीय टीम में सबसे उम्रदराज सदस्य बन चुके हैं। कार्तिक ने अपने खेल का कायापलट किया। साधारण हो चुकी अपनी बैटिंग को फिनिशर की भूमिका के लिए निखारा और फिर सपनों सरीखी वापसी की। उन्होंने हाल ही में कहा भी है- सपने पूरे हो सकते हैं।
पुजारा का दिनेश कार्तिक का खास कनेक्शन
क्या चेतेश्वर पुजारा अगले दिनेश कार्तिक हो सकते हैं? क्या वो भी एक उम्र गुजारने के बाद टीम इंडिया में सफेद गेंद फॉर्मेट में जगह बना सकते हैं? यह बात भी उसी तरह मजाक वाली लगेगी जैसी साल की शुरुआत में कार्तिक की वापसी लगती थी। लेकिन पुजारा ने कुछ ऐसा किया है जिसको नजरअंदाज नहीं कर सकते और इसके पीछे जाने-अनजाने में चेन्नई सुपर किंग्स का बहुत बड़ा हाथ है। सीएसके ने टेस्ट स्पेशलिस्ट खिलाड़ी के साथ ऐसा बर्ताव किया कि जो पुजारा को कोई नहीं समझा सकता था, वो इस अनुभव ने समझा दिया।
अपना खेल बदलना आसान बात नहीं
फिर हाल ही में समाप्त हुए रॉयल लंदन वन-डे कप में चेतेश्वर पुजारा ने जिस तरह से बल्लेबाजी की वह ठंडी हवा के झौंके के जैसी ताजगी भरी थी।
दुनिया के सबसे धीमे बल्लेबाजों में अपनी पहचान बना चुके पुजारा के लिए अपना खेल बदलना आसान नहीं था। उनका अंदाज टेस्ट क्रिकेट को ही सूट करता है। वे द्रविड़ के जमाने के होते तो वनडे क्रिकेट आराम से खेल रहे होते क्योंकि तक 70 तक का स्ट्राइक रेट भी खूब दौड़ता था। पर ये टी20 का जमाना है जहां वनडे में भी 100 से ऊपर का स्ट्राइक देखा जाता है।
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बदलाव करने का असली किस्सा CSK कैंप से
जाहिर है पुजारा को वनडे क्रिकेट से बेदखल ही रखा गया। टी20 इंटरनेशनल में तो उनको लेने का सपना भी कोई नहीं देख पाया लेकिन आईपीएल ने उनको कुछ मौके दिए पर जब वे चेन्नई सुपर किंग्स द्वारा खरीदे जाने के बाद भी एक मैच खेलने को तरस गए तब खुद को बदलने का असली किस्सा शुरू हुआ। यही से पुजारा ने महसूस किया कि यह उपेक्षा बड़ी है, उनको कुछ तो करना होगा। उन्होंने खुद को बाहर बैठे देखा और बाकी सीएसके खिलाड़ियों को प्रैक्टिस करते देख यह बात दिमाग में आई कि वह इस फॉर्मेट के लिए बने भी हैं या नहीं? बस यहीं से खुद में बदलाव करने का असली किस्सा शुरू हुआ।
इंग्लैंड में हाई स्ट्राइक के साथ झंडे गाड़ दिए
पुजारा ने ससेक्स का प्रतिनिधित्व करते हुए इंग्लैंड में जो करतब दिखाए हैं उसको इसी बदलाव का फल माना जाना चाहिए। पुजारा ने नौ मैचों में 624 रन बनाए, जिसमें लगभग 90 के औसत से तीन शतक और दो अर्द्धशतक शामिल हैं और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि 112 का स्ट्राइक-रेट रहा। पुजारा ने इस दौरान 107, 174, नाबाद 49, 66 और 132 के स्कोर दर्ज किए। जिसमें उन्होंने कुछ हैरत भरे स्ट्रोक खेले जो टी20 स्टाइल के थे।
2021 में चेन्नई सुपर किंग्स द्वारा चुना गया था
भारत के टेस्ट विशेषज्ञ रहे पुजारा ने पांच एकदिवसीय मैच ही खेले हैं, जिनमें से आखिरी 2014 में आया था। आईपीएल में उन्होंने 30 मैचों में भाग लिया है। पुजारा को आखिरी बार आईपीएल में 2021 में चेन्नई सुपर किंग्स द्वारा चुना गया था। इसके बाद पुजारा ने अपने दिमाग की घंटी की आवाज सुनी जो उनसे कह रही थी कुछ हटकर करने का टाइम आ चला है।
हाई स्ट्राइक-रेट पर स्कोर करने का इरादा चाहिए
पुजारा ने 'द क्रिकेट पॉडकास्ट' पर कहा, "यह निश्चित रूप से मेरे खेल का एक अलग पक्ष है। इसमें कोई शक नहीं है। पिचें अच्छी थीं, थोड़ी सपाट थीं लेकिन उन सतहों पर भी, आपको हाई स्ट्राइक-रेट पर स्कोर करने का इरादा रखना चाहिए। यह कुछ ऐसा है जिस पर मैंने हमेशा काम किया है। मैं आखिरी से एक साल पहले सीएसके का हिस्सा था और जब मैंने कोई गेम नहीं खेला और लोगों को तैयारी करते देखा, तो मैंने खुद से कहा कि क्या वाकई में मुझे छोटा प्रारूप खेलना है या नहीं। आप इस खेल में अपने शॉट्स खेलना चाहते हैं।"
रणनीति पर फिर से सोच-विचार करना पड़ा
पुजारा ने आगे कहा कि लोगों ने उनको दरकिनार कर दिया तो उन्हें अपनी बल्लेबाजी रणनीति पर फिर से सोच-विचार करना पड़ा। उनका टेस्ट फॉर्म कभी भी ज्यादा चिंता का विषय नहीं था। लेकिन जिस तरह से उन्होंने इंग्लैंड में रॉयल लंदन वनडे कप में खेला उसने 50 ओवर के प्रारूप में आग लगा दी। सरे के खिलाफ उनकी 174 रनों की पारी सिर्फ 131 गेंदों पर आई।
मैं छोटे फॉर्मेट में भी सफल हो सकता हूं
पुजारा न कहा, "मैंने रॉयल लंदन वन-डे कप से पहले इस पर काम किया था। मैं ग्रांट के साथ गया था और उनसे बात की थी कि कुछ शॉट्स हैं जिन पर मैं काम करना चाहता हूं। जब हम ट्रेनिंग ले रहे थे, तो उन्होंने मुझसे कहा कि मैं उन्हें वास्तव में अच्छी तरह से खेल रहा हूं और इस बात ने मुझे आत्मविश्वास दिया। मैंने सोचा कि अगर मैं कुछ बड़े शॉट्स पर काम कर सकता हूं तो वे मेरी मदद कर सकते हैं और मैं उन पर अमल करके छोटे फॉर्मेट में भी सफल हो सकता हूं।"
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