वैद्य मकरानी के छेनी-हथौड़े में गजब का जादू, चंद मिनटों में दर्द छूमंतर
डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय पारंपरिक चिकित्सा शिविर में देश कि विभिन्न हिस्सों से 29 वैद्य हुए हैं। लोगों को जानकारी के साथ सेवाएं भी दे रहे हैं। लोग रोज इनसे चिकित्सा लेने पहुंच रहे हैंं।
वैद्य एमएस मकरानी लकड़ी की छेनी-हथौड़ी के सहारे लोगों के शरीर का जटिल से जटिल दर्द दूर कर देते हैं। डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विवि में आयोजित प्राकृतिक चिकित्सा शिविर में डॉ. मकरानी साइटिका, नस फटना, नस चलना, शरीर लॉक होने, रीड की हड्डी में गुरियों के दर्द से लेकर पैर के तलुओं तक के दर्द को दूर भगाते हैंं। प्राकृतिक चिकित्सा के लिए उनके पास लोगों की लाइन लगी हुई थी। उनके अलावा दिल्ली, छत्तीसगढ़ सहित अन्य जगहों से 29 वैद्य सागर आए हुए है।
पारंपरिक और प्राकृतिक चिकित्सा शिविर में मुख्य आकर्षण आंखों के जाल साफ कराना था। लोग यहां हॉल में आंख बंद किए बैठे थे, उनकी आंखों से जाले पाउडर के साथ निकल रहे थे। दरअसल छत्तीसगढ़ के मल्हारी धमतरी से आए 60 वर्षीय वैद्य संतोष कुमार पटेल 42 साल से आंखों के जाले साफ करते आ रहे हैं। वे बताते हैं कि शुरूआत में लोग इसको देखकर डरते थे, लेकिन बाद में लोग समझने लगे। उन्होंने बताया कि दो साल पहले छत्तीसगढ़ राज औषधि बोर्ड के अध्यक्ष पहले तो घबरा गए थे, बाद में स्वयं व दूसरों की आंखों के जाले भी साफ कराए। अंबिकापुर कलेक्टर, दर्जनों राजनेता से लेकर हजारों लोग उनके पास आंखों के जाले साफ कराने आते हैं। वैद्य संतोष पटेल का दावा है कि 5 से 6 बार जाले साफ करवाने के बाद लोगों के चश्में तक उतर जाते हैं।
Recommended Video
कंधे,
गर्दन
से
तलुओं
तक
छेनी-हथौड़े
से
प्रेशर
देते
हैं
भोपाल
के
संजीवनी
आयुर्वेदिक
केंद्र
वन
विभाग
में
सेवाएं
देने
वाले
वैद्य
एमएस
मकरानी
साइटिका,
जोड़ों
के
दर्द,
नसों
में
खिंचाव,
गाल
ब्लेडर
में
पथरी
सहित
अन्य
रोगों
का
इलाज
करते
हैं।
वे
नसों
को
खोलने
की
औषधी
भी
देते
हैं।
यूरिक
एसिड
बढ़
जाए
तो
उसे
कम
करते
हैंं
मसल्स
के
ब्लॉक
खुल
जाते
हैं,
इससे
दर्द
कम
हो
जाता
है।
सबसे
खास
बात
है
कि
वे
नाड़ी
देखकर
मर्ज
का
पता
करते
हैं।
वे
लकड़ी
के
छेनी-हथौड़े
से
शरीर
के
पीछे
वाले
हिस्सों
पर
प्रेशर
देखकर
(हथौड़े
से
पीटकर)
दर्द
को
दूर
करते
हैं
और
ज्वाइंट
खोलते
हैं।
उनका
दावा
है
कि
साइटिका,
सर्वाइकल
सहित
ज्वाइट
लाक
में
इससे
काफी
फायदा
मिलता
है।
लेट आने वाले शिक्षकों को छात्राओं ने सिखाया सबक, स्कूल के गेट पर जड़ा ताला
अनियमित
भोजन
की
आदत
सारी
बीमारियों
की
जड़
वैद्य
एमए
मकरानी
ने
मीडिया
को
जानकारी
देते
हुए
बताया
कि
बीमारियों
का
सबसे
बड़ा
कारण
अनियमित
और
बेसमय
भोजन
करना
है।
कभी
भी
कुछ
भी
खा
लेने
की
आदत
बीमारियों
को
आमंत्रण
देती
है।
उनके
अनुससार
व्यक्ति
को
दिनभर
के
भोजन
में
से
सुबह
60
फीसदी
भोजन
करना
चाहिए
जिसमें
गाय
का
घी
जरुर
होना
चाहिए।
दोपहर
का
भोजन
30
फीसदी
ही
किया
जाए
तो
बेहतर
रहता
है।
दोपहर
के
भोजन
में
सलाद
जरूर
लेना
चाहिए।
इसी
प्रकार
रात
में
सिर्फ
10
फीसदी
भोजन
ही
करना
चाहिए।
रात
के
भोजन
में
खट्टा,
चावल,
सलाद
बिलकुल
न
खाएं।