पाकिस्तान में यातनाएं मिलीं तो 10 सदस्यों का यह परिवार नेपाल के रास्ते राजस्थान चला आया
बाड़मेर, 9 मई। पाकिस्तान के मीरपुरखास का रहने वाला एक परिवार अपने 10 सदस्यों के साथ नेपाल के रास्ते भारत पहुंचा है। भारत के राजस्थान के बाड़मेर जिले में शरण ली है। यह परिवार बाड़मेर जिले के धोरीमना क्षेत्र के रोहिल्ला गांव में अपने विभाजित परिवार के साथ रह रहा है। हालांकि इनके पास भारत का वीजा भी नहीं है।
जानकारी के अनुसार पाकिस्तान के मीरपुरखास निवासी राजेश मेघवाल व उसके परिवार के अन्य सदस्य अप्रैल के शुरू में नेपाल के रास्ते सड़क मार्ग से भारतीय सीमा में आए सभी 10 जने जोधपुर पहुंचे और जोधपुर के सालोड़ी गांव में उनके रिश्तेदारों के पास रुके। फिर बाड़मेर के धोरीमना के रोहिल्ला गांव में आ गए।
इन 10 सदस्य पाकिस्तानी परिवार में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। इनके पास भारत का वीजा नहीं होने के बावजूद या परिवार शरण लेने के इरादे से यहां पहुंचा है। इनके आगमन की जानकारी मिलने के बाद गृह मंत्रालय से मार्गदर्शन मांगा गया है हालांकि अभी तक मंत्रालय से मार्गदर्शन नहीं मिला है लिहाजा यह सभी 10 जने रोहिल्ला में रुके हुए हैं।
बता दें कि पाकिस्तान के मीरपुर खास निवासी राजेश मेघवाल करीब 1 महीने पहले अपने परिवार के 9 सदस्यों के साथ दुबई और नेपाल के रास्ते भारतीय सीमा में प्रवेश कर गए। बता दें कि मेघवाल के परिवार ने दुबई व नेपाल के रास्ते भारत में आने के लिए वीजा अप्लाई किया था लेकिन वहां से वीजा नहीं मिल पाया था।
राजेश मेघवाल का परिवार विभाजन से पहले रोहिला गांव में बस गया था। बड़ी बात यह है कि इन परिवारों के पास भारत का वीजा नहीं है। सम्भवतः भारत में शरण लेने के लिए यह परिवार बाड़मेर आया है। इस दस सदस्यीय पाकिस्तान परिवार में महिलाएं एव बच्चे भी शामिल हैं। सुरक्षा एजेंसियों को भनक लगते ही गृह मंत्रालय से मार्गदर्शन मांगा गया है। पाक विस्थापित लोगों का कहना है कि उन्हें पाकिस्तान में प्रताड़ित किया जा रहा था जिसकी वजह से वह भारत आए हैं।
इस मामले में बाड़मेर पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव का कहना है कि इसको लेकर कोई पत्र नहीं मिला है। जानकारी सामने आने के बाद पता किया तो रोहिला में 10 सदस्यों का परिवार रह रहा है। सुरक्षा एजेंसियों ने पूछताछ की लेकिन कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है। सम्भवतः पाकिस्तान में प्रताड़ना से परेशान होकर यह परिवार भारत मे रहने आया है। गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर इस संबंध में सलाह मांगी गई है। लेकिन अभी तक जवाब नहीं मिला है।