बाल विवाह के बाद MA तक की पढ़ाई करने वाली 'सुखी' ससुराल व समाज से हो गई 'दुखी', जानिए वजह
राजसमंद। यह दास्तां है एक ऐसी युवती की, जिसने पहले बाल विवाह का दंश झेला। फिर दहेज प्रताड़ना का शिकार हुई। बाद में पढ़ाई की राह में रोड़े अटके और अब समाज के कई लोग इसके परिवार के खिलाफ हो गए। यह पढ़ना चाहती है। पढ़-लिखकर कुछ बनना चाहती है। ना जाने अपने जैसी कितनी ही बेटियों की उम्मीदों को पंख लगाना चाहती है, मगर सामाजिक कुरीतियां पैरों में बेड़ियां बन रही हैं। 'ज्यादा पढ़कर क्या कलेक्टर बन जाओगी' जैसे ताने तक सुनने को मिले रहे हैं।
युवती राजस्थान के राजसमंद जिले के रेलमगरा थाना इलाके के गांव सकरावास की रहने वाली है। नाम सुखी है, मगर बहुत दुखी है। वजह खुद सुखी अहीर बताती है कि ससुराल वालों की उसकी पढ़ाई रास नहीं आ रही है। पढ़ने की जिद की तो जिंदगी ही बदल गई। जीने की राह मुश्किल हो गई।
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14 साल की उम्र में हुई शादी
सुखी के अनुसार वर्ष 2010 में मेरी शादी राजसमंद जिले के ही गांव पीतली अहीरान के भैरूंलाल के साथ हुई थी। तब मैं आठवीं कक्षा में पढ़ती थी। फिर पिता के घर ही रहकर आगे की पढ़ाई जारी रखी। बीच-बीच में ससुराल भी जाती थी। वर्तमान में कांकरोली के कॉलेज से समाज शास्त्र में एमए फाइनल कर रही हूं।
पढ़ने से इसलिए रोक रहे ससुराल वाले
सुखी का आरोप है कि ससुराल वाले उसे पढ़ने से इसलिए रोक रहे हैं, क्योंकि भैरूंलाल नौवीं तक ही पढ़ा लिखा है। वो चाहते ही नहीं कि बहू उनके बेटे से ज्यादा पढ़े। पढ़ाई को लेकर अक्सर ससुराल पक्ष के लोगों से कहासुनी होने पर उनके खिलाफ दहेज पताड़ना तक का मामला भी दर्ज करवाना पड़ा था। इसके बाद तो समाज के कई लोग सुखी के परिवार के खिलाफ हो गए।
7 अप्रैल को बैठक कर किया बहिष्कार
सुखी के पिता गोपीलाल अहीर के आरोप हैं कि 3 अप्रेल 2019 को वे जयपुर में इलाज करवाने चले गए थे। इसके बाद 7 अप्रेल को समाज के लोगों ने बैठक ने उनके परिवार का बहिष्कार कर दिया और फिर समाज में वापसी के लिए दो से पांच लाख रुपए तक जुर्माना अदा करने की बात सामने आई।
19 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
रेलमगरा थानाधिकारी योगेन्द्र व्यास ने बताया कि सुखी के पिता गोपीलाल अहीर की रिपोर्ट पर 19 नामजद लोगों के खिलाफ समाज से बहिष्कृत करने का मामला 2 अगस्त को दर्ज किया गया है। गांव रापुरा के पास सूरजबाड़ी माताजी मंदिर में समाज की बैठक होने व उसमें सुखी के परिवार का बहिष्कार करने का फैसला लिए जाने के आरोप की जांच की रही है। जो भी दोषी पाया गया। उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
गोपीलाल व सुखी के आरोप निराधार-लक्ष्मण अहीर
अहीर समाज के लक्ष्मण अहीर ने गोपीलाल और सुखी अहीर के सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि हमारे समाज ने उनके परिवार को बहिष्कार किए जाने का फैसला नहीं लिया है। युवती शादी के बाद से ही ससुराल नहीं जा रही है। दोनों परिवारों का समझौता करवाने के लिए गोपालाल को समाज की बैठक में बुलाया था। वो आया ही नहीं। बहिष्कार व जुर्माना मांगने की बात झूठ है। समाज को रजिस्टर पुलिस थाने में जमा करवा दिया है। हमारे समाज में आटा साटा से शादी करवाने का रिवाज है। सुखी की ननद की शादी उसके बुआ के लड़के से करवाई गई थी।
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