Ruma Devi : कभी पैसे के अभाव में बेटे को खोया, अब दूसरों की जान बचाने में रूमा देवी ने खर्च किए ₹ 2 करोड़
बाड़मेर, 4 जून। कहते हैं वक्त सबका आता है, मगर अधिकांश लोग अपने अच्छे वक्त में दूसरों की मदद करना भूल जाते हैं। इस मामले में रूमा देवी की कहानी सबसे जुदा और प्रेरणादायक है। राजस्थान के बाड़मेर की रहने वालीं रूमा देवी किसी परिचय का मोहताज नहीं हैं। ये देश-प्रदेश ही नहीं बल्कि कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी हिंदुस्तान का मान बढ़ा चुकी हैं।

रूमा देवी बाड़मेर राजस्थान
यूं तो इनके बारे में खूब लिखा और पढ़ा जा चुका है, मगर आज हम रूमा देवी का जिक्र इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि इन दिनों ये इंसानियत का फर्ज निभा रही हैं। कभी पैसों के अभाव में अपनी आखों के सामने अपने नवजात बेटे को मरता देखने वालीं रूमा देवी आज बाड़मेर में दूसरों की जान बचाने में जुटी हैं।

रूमा देवी का इंटरव्यू
वन इंडिया हिंदी से बातचीत में रूमा देवी ने अपने बचपन का संघर्ष, गरीबी, बाल विवाह, पहले बेटे की जन्म के 48 घंटे में मौत और फिर खुद के दम पर सरहदी जिलों की 22 हजार महिलाओं को रोजगार मुहैया करवाने से लेकर अब कोरोना संकट में लोगों की मददगार बनने तक की पूरी कहानी बयां की।
बाड़मेर चिकित्सा महकमे की मदद
रूमा देवी बताती हैं कि यूं तो वे और ग्रामीण विकास एवं चेतना संस्थान से जुड़ी महिलाएं पिछले साल कोरोना महामारी घोषित होने के बाद से ही लोगों की मदद में जुटी हैं, मगर कोरोना वायरस की दूसरी लहर में बीस दिन पहले बाड़मेर सीएमएचओ डॉ. बीएल विश्नोई की उनसे बात हुई। सीएमएचओ ने जिले में ऑक्सीजन की कमी के बारे में बताया और मदद आग्रह किया।

गिव इंडिया फाउंडेशन से साधा सम्पर्क
बाड़मेर सीएमएचओ से ऑक्सीजन की किल्लत की बात सुनकर रूमा देवी ने बंगलुरू के गिव इंडिया फाउंडेशन से सम्पर्क साधा और उन्हें बाड़मेर की मदद को तैयार किया। इस पर गिव इंडिया फाउंडेशन डेढ़ करोड़ रुपए बाड़मेर के लिए खर्च किए और उन रुपयों से ऑक्सीजन के 300 सिलेंडर और इतने ही रैगुलेटर ट्रकों में भरकर बाड़मेर भेज दिए।

सौ ऑक्सीजन सिलेंडर और मिलेंगे
गिव इंडिया फाउंडेशन की ओर से भेजे गए 300 सिलेंडर 31 मई को बाड़मेर जिला कलेक्टर लोकबंधु यादव, सीएमएचओ डॉ. बीएल बिश्नोई की मौजूदगी में चिकित्सा विभाग को सौंपे गए। इनके अलावा 100 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी जल्द ही मिलने वाले हैं।
जीवन रक्षक इंजेक्शन भी उपलब्ध करवाए
ग्रामीण विकास एवं चेतना संस्थान के सचिव विक्रम सिंह बताते हैं कि गिव इंडिया फाउंडेशन के जरिए डेढ़ करोड़ के ऑक्सीजन सिलेंडर, रैगुलेटर व कंसंट्रेटर उपलब्ध करवाने के साथ ही पिछले सप्ताह रूमा देवी ने खुद के पास से पच्चीस लाख रुपए खर्च कर जीवन-रक्षक इंजेक्शन व ऑक्सीजन मशीनें स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करवाई थी।

जरूरतमंदों को करवाया भोजन
बता दें कि रूमा देवी एनजीओ ग्रामीण विकास एवं चेतना संस्थान की अध्यक्ष हैं। संस्थान ने 2020 में कोरोना महामारी की शुरुआत में पच्चास लाख से अधिक का राहत कार्य करवाए। इसमें सौ गांवों के सौलह हजार पांच सौ लोगों को कोविड से बचाव के लिए प्रशिक्षण व सैनेटाइजर, मास्क सहित राशन सामग्री के पैकेट उपलब्ध करवाए गए।

रूमा देवी की जीवनी व परिवार
नाम- रूमा देवी
जन्म-
नवम्बर
1988
पीहर-
गांव
रावतसर
बाड़मेर
ससुराल-
मंगलबेरी
पिता-
खेताराम
माता-
इमरती
देवी
शादी-
3
फरवरी
2006
पति-
टिकुराम
बेटा-लक्षित

राजस्थान हस्तशिल्प को रूमा देवी ने दिलवाई पहचान
बता दें कि राजस्थान हस्तशिल्प को दुनियाभर में नई पहचान दिलाने का श्रेय रूमा देवी को जाता है। इनके ग्रामीण विकास एवं चेतना संस्थान से जुड़ी महिलाएं बाड़मेर, जैसलमेर व बीकानेर जिले में साड़ी, बेडशीट, कुर्ता समेत अन्य कपड़े तैयार करती हैं, जो विदेशों में भी भेजे जाते हैं। इनके समूह द्वारा तैयार किए गए उत्पादों का लंदन, जर्मनी, सिंगापुर और कोलंबो के फैशन वीक्स में भी प्रदर्शन हो चुका है।
झोपड़ी
से
यूरोप
तक
का
सफर,
कभी
पाई-पाई
को
थीं
मोहताज,
फिर
22
हजार
महिलाओं
को
दी
'नौकरी'

रूमा देवी का एनजीओ का काम
ग्रामीण विकास एवं चेतना संस्थान से जुड़ी महिलाओं को कच्चा माल उपलब्ध करवाया जाता है, जिससे वे अपने घरों पर ही रहकर हस्तशिल्प उत्पाद तैयार करती हैं। फिर तैयार माल की मार्केटिंग व उसे बेचने का काम एनजीओ के माध्यम से विदेशों तक में होता है। सभी 22 हजार महिलाओं के कामकाज का सालाना टर्न ओवर करोड़ों में है।

झोपड़ी में बीता रूमा देवी का बचपन
बता दें कि रूमा देवी का बचपन गरीबी व झोपड़ियों में बीता। बचपन में इन्हें बैलगाड़ी में बैठकर दस किलोमीटर दूर से पीने का पानी लेकर आना पड़ता था। फिर अपनी मेहतन के दम पर रूमा देवी ने अलग ही मुकाम हासिल कर लिया है। रूमा देवी के पति टिकूराम नशा मुक्ति संस्थान जोधपुर के साथ मिलकर काम करते हैं। अब रूमा देवी ने बाड़मेर जिला मुख्यालय पर मकान बना रखे हैं।
Ruma Devi Barmer : बाल विवाह का दंश झेलने वालीं रूमा देवी की मुफलिसी से मिसाल बनने तक की पूरी कहानी
रूमा देवी की सफलता
-भारत में महिलाओं के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'नारी शक्ति पुरस्कार 2018' से सम्मानित किया जा चुका है।
-15
व
16
फरवरी
2020
को
अमेरिका
में
आयोजित
दो
दिवसीय
हावर्ड
इंडिया
कांफ्रेस
में
रूमा
देवी
को
भी
बुलाया
गया
था।
-तब
इन्हें
वहां
अपने
हस्तशिल्प
उत्पाद
प्रदर्शित
करने
के
साथ-साथ
हावर्ड
यूनिवर्सिटी
के
बच्चों
को
पढ़ाने
का
मौका
भी
मिला।
-रूमा
देवी
'कौन
बनेगा
करोड़पति'
में
अमिताभ
बच्चन
के
सामने
हॉट
सीट
पर
भी
नजर
आ
चुकी
हैं।
Krishan
Sihag
Churu
:
मजदूर
के
बेटे
कृष्ण
सिहाग
ने
FB
में
ढूंढी
बड़ी
गलती,
मिला
1.10
लाख
का
ईनाम