'मौत' के 10 दिन बाद जिंदा लौट आया औंकारलाल, घर में फोटो पर माला चढ़ी देख बोला-'मैं भूत नहीं हूं'
राजसमंद, 24 मई। राजस्थान के राजसमंद में एक परिवार के लिए चमत्कार सरीखा मामला सामने आया है। जिस औंकारलाल का अंतिम संस्कार कर दिया। उसके निधन पर परिजनों ने सिर मुंडवा लिया और घर के कोने कोने में मातम पसर गया वो औंकारलाल 10 दिन बाद जिंदा लौट आया।
औंकारलाल देखकर सब हुए हैरान
अपनी आंखों के सामने चिता को जलती देखने वाले परिजन औंकारलाल को देखकर एक बारगी तो डर गए। लगा कि कोई भूत प्रेत का साया होगा। खुद औंकार भी अपने घर में अपनी तस्वीर पर माला लगी देख हैरान रह गया।
जिस
शव
को
जलाया
वो
किसका?
फिर
औंकारलाल
ने
परिजनों
को
बताया
कि
वो
कोई
भूत
प्रेत
नहीं
बल्कि
असली
औंकार
है।
उसके
बाद
परिजनों
ने
उसकी
मौत
से
जुड़ी
जो
कहानी
बताई
उसे
सुनकर
औंकारलाल
के
भी
पैरों
के
नीचे
से
जमीन
खिसक
गई।
क्योंकि
अब
सवाल
यह
उठता
है
जिसकी
चिता
जलाई
वो
कौन
था?
11 मई को लापता हुआ था औंकारलाल
दरअसल, पूरी कहानी ये है कि राजसमंद में विवेकानंद चौराहा कांकरोली निवासी औंकारलाल 11 मई को परिजनों को बिना बताए उदयपुर चला गया था। वहां उसकी तबीयत खराब होने पर वह अस्पताल में भर्ती हो गया। उधर, इत्तेफाक से 11 मई को ही मोही रोड पर एक अज्ञात शव मिला। उसे आरके जिला अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाया।
शव की हो गई गलत शिनाख्त
मामला कांकरोली पुलिस थाना इलाके का था। एक तरफ कांकरोली पुलिस उस मृतक के परिजनों की तलाश कर रही थी तो दूसरी ओर औंकारलाल के परिजन उसे ढूंढ रहे थे। 15 मई को पुलिस ने औंकारलाल के भाई नानालाल व अन्य परिजनों को अस्पताल बुलाया। परिजनों ने शव की शिनाख्त औंकारलाल के रूप में कर दी।
शव की शिनाख्त करने के बाद औंकारलाल परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया। भाई व बच्चों ने मुंडन करवा लिया था। घर पर शोक सभा होने लगी। तस्वीर पर माला भी चढ़ा दी गई। इस बीच दस दिन कहानी में उस वक्त अचानक नया मोड़ आ गया जब औंकारलाल उदयपुर से अपने घर लौटा।
तब समझ आया पूरा मामला
रविवार की शाम को घर पर औंकारलाल को जिंदा देखकर परिजन चौंक गए। फिर दोनों ने एक-दूसरे से पूरी कहानी बयां कि तब समझ आया कि जिस औंकार लाल को मृत समझकर अंतिम संस्कार किया गया वो आखिर जिंदा कैसे लौटा?
पुलिस व अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही
नानालाल ने पुलिस को बताया था कि उसके भाई ओंकारलाल के दाएं हाथ में कलाई से लेकर कोहनी तक लम्बा चोट का निशान है. वहीं, बाएं हाथ की दो अंगुलिया मुड़ी हुई हैं. ऐसे में अस्पताल प्रशासन व पुलिस ने शव तीन दिन पुराना और डी फ्रिज में होने का हवाला देकर हाथ के निशान मिटने की बात कहकर परिवार को शव दे दिया।