गहलोत के मंत्री का बड़ा बयान, कहा-'सरकार बचाने के लिए खून बहाने को तैयार रहे कार्यकर्ता'
जयपुर, 26 सितंबर। राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी और कैबिनेट मंत्री प्रताप खाचरियावास का बड़ा बयान आया है। उन्होंने कहा कि भाजपा प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिराना चाहती है, लेकिन ऐसा हरगिज नहीं होने दिया जाएगा। खाचरियावास ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि उन्हें अब खून बहाने के लिए तैयार रहना होगा। समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान खाचरियावास ने कहा कि भाजपा, राजस्थान सरकार को गिराना चाहती है। मैंने अशोक गहलोत से कहा है कि सरकार को बचाना जरूरी है। ऐसे में आपको (मुख्यमंत्री) जादू टोना करना होगा। भाजपा पर आरोप लगाते हुए खाचरियावास ने कहा कि महंगाई से ध्यान हटाने के लिए भाजपा राजस्थान पर नजर रखे हुए है। भाजपा महाराष्ट्र में सरकार गिरा भी चुकी है। ऐसे में हमें बहादुरी के साथ काम करना होगा और कार्यकर्ताओं को सड़कों पर खून बहाना होगा।
खाचरियावास ने केंद्रीय एजेंसियों को लेकर भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि अब "ईडी और सीबीआई राजस्थान की सड़कों पर उतरेंगे। ऐसे में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सड़कों पर उतरना होगा। उन्होंने कहा कि हम एक साथ और समान लड़ाई लड़ेंगे। अगर भाजपा लाठी का इस्तेमाल करती है, तो हम जवाब देंगे। अगर वे हम पर गोली चलाते हैं, तो भी हम जवाब देंगे। लेकिन अगर विधायक भाजपा की साजिश के खिलाफ सरकार बचाना चाहते हैं तो उनकी बात सुनी जानी चाहिए। हालांकि, जब खाचरियावास से पार्टी में गुटबाजी को लेकर पूछा तो उन्होंने इस बात से इनकार कर दिया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस में गुटबाजी नहीं है। लोकतंत्र में हर विधायक को अपनी राय रखने का अधिकार है। अगर विधायक संसदीय कार्य मंत्री के आवास पर एकजुट होकर कुछ कहते हैं, तो उन्होंने कोई अपराध नहीं किया। वे वही विधायक थे, जिन्होंने सोनिया गांधी के आह्वान पर सरकार बचाई थी। ऐसे में पार्टी में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अशोक गहलोत का कोई विरोध नहीं है।
वहीं, बागी विधायकों को उनके "अनुशासनहीन कदम" के लिए नोटिस जारी करने पर अजय माकन के बयान पर भी खाचरियावास ने बयान दिया। उन्होंने कहा कि अगर कोई नोटिस जारी किया जाता है, तो हम सब मिलकर उसका भी जवाब देंगे। आपको बता दें कि इससे पहले आज, कांग्रेस नेता और राजस्थान के पर्यवेक्षक, अजय माकन ने अशोक गहलोत खेमे के बागी विधायकों के साथ राज्य मंत्री शांति धारीवाल द्वारा की गई "अनौपचारिक" बैठक को "अनुशासनहीन कदम" करार दिया था।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि शांति धारीवाल, महेश जोशी और प्रताप सिंह ने विधायकों के प्रतिनिधि के रूप में उनसे मुलाकात की और तीन शर्तें रखीं, जिसमें पर्यवेक्षकों के साथ आमने-सामने बैठक न करना भी शामिल है। बता दें कि पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर रविवार शाम विधायक दल की बैठक होनी थी, जिसमें सचिन पायलट और उनके खेमे के विधायक शामिल हुए थे। हालांकि गहलोत गुट के विधायकों ने कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल के साथ बैठक की थी। इसके बाद 90 से अधिक विधायकों ने स्पीकर सीपी जोशी को अपना इस्तीफा सौंप दिया था।
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