Raj Kanwar Shekhawat : 13 साल बाद पढ़ाई शुरू कर 4 बार लगी सरकारी नौकरी, फिर बनीं RPS अफसर
सीकर, 18 मई। मुश्किल हालात में भी खुद को कैसे संवारें? यह जानना है तो राजकंवर शेखावत की जिंदगी की एक बेहतरीन मिसाल है। ये वो शख्स हैं, जिन्होंने पति की मौत के बाद किताबों से दोस्ती की और चार बार सरकारी नौकरी लगीं। आखिर में आरपीएस अफसर बनकर ही मानीं।

साल 1996 में हुई राजकंवर व सुमेर सिंह की शादी
DSP राजकंवर शेखावत राजस्थान के सीकर जिले के गांव मुंडरू की बेटी हैं। साल 1996 में इनकी शादी बीकानेर जिले के गांव लोहा सुमेर सिंह के साथ हुई। इनके एक बेटा हेमेंद्र व एक बेटी प्रियंका हुई। शादी के बाद इनकी जिंदगी में सब कुछ ठीक चल रहा था, मगर साल 2009 मनहूस साबित हुआ।

साल 2009 में पति की मौत
साल 2009 में राजकंवर के पति सुमेर की सड़क हादसे में मौत हो गई। दो बच्चों की जिम्मेदारी राजकंवर के कंधों पर आ गई। उन मुश्किल हालात में भाई शेरसिंह के सहयोग से राजकंवर ने न केवल खुद की जिंदगी संवारी बल्कि बच्चों की परवरिश व उनकी शिक्षा का भी फर्ज निभाया।

साल 2010 में की बीएड
शादी के बाद राजकंवर की पढ़ाई छूट गई थी। ऐसे में पति की मौत के सालभर बाद ही इन्होंने साल 2010 में बीएड किया। फिर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों में जुट गईं। सफल भी रहीं। एक के बाद एक करके चार परीक्षाएं पास की। अब इनका सपना बेटे हेमेंद्र व बेटी प्रियंका को अफसर बनाना है।

राजकंवर शेखावत की सरकारी नौकरियां
साल 2011 में पटवारी
साल 2012 में द्वितीय श्रेणी शिक्षक
साल 2016 में आरएएस (खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग मिला)
साल 2017 में आरएएस (आरपीएस कैडर अलॉट हुआ)

जयपुर में पोस्टेड हैं राजकंवर
राजकंवर ने द्वितीय श्रेणी शिक्षक के रूप में कुछ साल पढ़ाया। राजस्थान पुलिस में बतौर आरपीएस पहली पोस्टिंग करौली जिले के कैला देवी में डीएसपी पद पर हुई। जयपुर ग्रामीण में भी सेवाएं दी। वर्तमान में जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के कंट्रोल रूम में एसीबी के पद पर तैनात हैं।
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