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Gopal Sharma Khetri : राजस्थान के 'ऑक्सीजन बाबा' ने 46 साल में बांटे बरगद-पीपल के 20 हजार पौधे, VIDEO

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झुंझुनूं, 24 मई। कोरोना महामारी के दौर में ऑक्सीजन की कमी से अस्पतालों में बड़ी संख्या में कोविड-19 संक्रमितों मरीजों की जान चली गई। ऐसे में हमें सबसे अधिक ऑक्सीजन प्रदान करने वाले बरगद और पीपल के पेड़ों की चर्चाएं भी हो रही हैं।

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Gopal Sharma Khetri : राजस्थान के 'ऑक्सीजन बाबा' ने 46 साल में बांटे बरगद-पीपल के 20 हजार पौधे
इसलिए बांटते हैं पीपल बरगद के पौधे

इसलिए बांटते हैं पीपल बरगद के पौधे

इस बीच आप मिलिए राजस्थान के गोपालकृष्ण शर्मा से जो बीते 46 साल से लोगों को बरगद और पीपल के पौधे निशुल्क उपलब्ध करवा रहे हैं ताकि लोग ऑक्सीजन के भंडार पीपल और बरगद के पेड़ों से दोस्ती कर सकें।

 झुंझुनूं के खेतड़ी से हैं गोपाल शर्मा

झुंझुनूं के खेतड़ी से हैं गोपाल शर्मा

बता दें कि गोपाल कृष्ण शर्मा राजस्थान के झुंझुनूं जिले में खेतड़ी के रहने वाले हैं। एक निजी कंपनी में काम करते हैं। अपने काम से वक्त निकालकर गोपाल शर्मा घर पर पीपल व बरगद (बड़) के पेड़ तैयार करके निशुल्क वितरित करते हैं।

पिता से मिली प्रेरणा

पिता से मिली प्रेरणा

वन इंडिया हिंंदी बातचीत में गोपाल कृष्ण शर्मा बताते हैं कि वे साठ साल के हो चुके हैं। शिक्षक पद से रिटायर हुए पिता शिव किशोर शर्मा भी प्रकृति के काफी नजदीक हुआ करते थे। 46 साल पहले पिता पीपल का पौधा लगाना चाहते थे। तब आठवीं कक्षा में पढ़ाई कर रहे गोपाल शर्मा खेतड़ी उपखंड के गांव बीलवा से पौधा लेकर आए थे।

 शुरुआत में उपलब्ध नहीं हो रह थे बीज

शुरुआत में उपलब्ध नहीं हो रह थे बीज

इसके बाद गोपाल कृष्ण शर्मा ने अपने घर पर ही पीपल व बरगद के पौधे तैयार करके लोगों को बांटने की ठानी। शुरुआत में दिक्कत यह थी कि पीपल व बरगद के बीज बाजार में तो सहज उपलब्ध हैं नहीं। ऐसे में पीपल व बरगद के पौधे कैसे तैयार किए जाए।

 ऐसे जुटाए पीपल बरगद के बीज

ऐसे जुटाए पीपल बरगद के बीज

गोपाल शर्मा के अनुसार उस वक्त किसी बुजुर्ग ने बताया कि मार्च से मई के दौरान बरगद व पीपल के पेड़ के छोटा सा फल लगता है, जिसे खाने वाले पक्षियों की बीट में उसके बीज पाए जाते हैं। ऐसे में गोपाल शर्मा ने खेतड़ी के कई बड़े बरगद व पीपल के पेड़ के नीचे से पक्षियों की बीट एकत्रित करके लाए।

एक माह में उग आया पौधा

एक माह में उग आया पौधा

फिर घर पर ही बरगद व पीपल के बीज लगा दिए। एक माह बाद बीज अंकुरित हो गए। इसके अलावा गोपाल शर्मा ने बारिश के दिनों पीपल व बरगद के पेड़ों के आस-पास उगने वाले पौधे भी एकत्रित किए।

 कार्यक्रम आयोजित करते हैं वितरित

कार्यक्रम आयोजित करते हैं वितरित

घर पर ही तैयार खाद देते रहे। फरवरी तक पौधे अच्छी खासी बढ़त ले लेते हैं। फिर मानसून पर आने पर कार्यक्रम आयोजित कर पौधे वितरि​त कर देते हैं। इसके अलावा इनके घर आकर भी पौधा प्राप्त किया जा सकता है।

पीपल बाबा के नाम से भी पहचान

पीपल बाबा के नाम से भी पहचान

बकौल, गोपाल शर्मा पीपल बरगद के पौधे तैयार करके वितरित करने का सिलसिला बीते 46 साल से जारी है। शायद यही वजह है कि कोई नाम से पुकारता है तो कोई पीपल वाला बाबा और कोई ऑक्सीजन बाबा बोलता है।

 गोपाल शर्मा को मिले पुरस्कार

गोपाल शर्मा को मिले पुरस्कार

प्रकृति के अनूठे प्रेमी गोपाल कृष्ण शर्मा का कई मंचों पर सम्मान हो चुका है। इन्हें वन विभाग और उपखंड प्रशासन की ओर से चार बार पुरस्कृत किया जा चुका है। गोपाल कृष्ण के नाना पंडित झाबरमल शर्मा भी जाने-माने पत्रकार रहे हैं।

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कई जिलों से आते हैं लोग

कई जिलों से आते हैं लोग

खेतड़ी में राजकीय अजीत अस्पताल के सामने स्थित गोपाल शर्मा के घर पर तैयार किए गए पीपल बरगद के पौधे लेने के लिए न केवल खेतड़ी उपखंड बल्कि प्रदेश के कई जिलों से लोग आते हैं। बुहाना, सीकर, चूरू, बीकानेर व हरियाणा के महेंद्रगढ़ में बड़ी संख्या में बरगद व पीपल के पौधे लगाए गए। अधिकांश पौधे अब बड़े पेड़ बन चुके हैं।

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English summary
Gopal Sharma Provides Peepal bargad plants For free in Khetri Jhunjhunu Rajasthan
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