36 साल के बाद पाकिस्तान की जेल से रिहा होकर अपने वतन पहुंचे गजानंद शर्मा
जयपुर। पाकिस्तान की कोटलखपत जेल से रिहा होकर भारत लौटे जयपुर के 69 वर्षीय गजानंद शर्मा की पत्नी मखनी देवी का 36 साल का इंतजार आखिरकार सोमवार को समाप्त हो गया। यहां वतन लौटने की सूचना आते ही जयपुर के नाहरगढ़ के फतेहराम टीबा स्थित उनका घर खुशियों से भर गया। उनकी बुजुर्ग पत्नी मखनी देवी की सूनी आंखें चमक उठी हैं और उन्हें शुभकामनाएं देने और मिठाई खिलाने के लिए गली-मोहल्ले के लोगों व रिश्तेदार का तांता लगा हुआ है। मखनी देवी की नजरें अब दरवाजे से नहीं हट रही हैं।
भारत सरकार के प्रयासों के बाद सोमवार को दोपहर करीब 3.30 बजे पंजाब से भारतीय नागरिकों को लेकर ट्रेन वाघा बार्डर पहुंची। इसमें गजानंद के साथ 29 मछुआरों की भारत लौटने की आस भी पूरी हुई। पाकिस्तान की अपनी विभिन्न जेलों में बंद 30 भारतीय नागरिकों को स्वतंत्रता दिवस के दो दिन पहले रिहा किया है।
गजानंद की पत्नी सहित उनके बेटों को चार महीने पहले ही पता चला था कि गजानंद पाकिस्तान जेल में बंद है। इससे पहले तो उन्हें आभास भी नहीं था कि गजानंद उनकी जिंदगी में कभी लौटेंगे भी। मखनी देवी ने भी कभी नहीं सोचा था कि 36 साल पहले लापता हुए उनके पति से वे कभी मिल पाएंगी, लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था।
गत अप्रैल में पाकिस्तान से गजानंद की भारतीय नागरिकता संबंधी दस्तावेज सत्यापन के लिए आए थे, तब परिजनों को उनके पाकिस्तान की लाहौर जेल में बंद होने की जानकारी मिली थी। राजस्थान के गृह विभाग ने सामोद थाने में अप्रेल माह में गजानंद की भारतीय नागरिकता के सत्यापन संबंधी दस्तावेज भेजे थे।
सामोद थाना पुलिस ने जब गजानंद के बेटे मुकेश से संपर्क किया, तब परिजनों को गजानंद के पाकिस्तान के लाहौर जेल में बंद होने की जानकारी मिली। गौरतलब है कि 9 अगस्त को नई दिल्ली में गजानंद के परिजनों ने क्षेत्रीय सांसद व विधायक के साथ केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी.के. सिंह से मुलाकात की थी। तब वी.के. सिंह ने उन्हें आश्वस्त किया है कि 13 अगस्त को गजानंद रिहा हो सकता है।