बड़ा खुलासा ! राजस्थान में इस बड़े अस्पताल के नाम पर बेची जा रही थी फर्जी कोरोना रिपोर्ट
नागौर। कोरोना महामारी के बीच राजस्थान के नागौर जिले के डीडवाना के राजकीय बांगड़ अस्पताल के नाम से कोविड-19 के फर्जी नेगेटिव सर्टिफिकेट बांटे जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस प्रकरण में पीएमओ के नाम से फर्जी लेटर पैड बना दिए गए।
पीएमओ के हस्ताक्षर भी मौजूद
उस पर कोरोना वायरस से नेगेटिव होने का प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया गया। इस फर्जी लेटर पैड पर अस्पताल का नाम लिखा है और पीएमओ के दस्तखत भी मौजूद है। यही नहीं बल्कि इस प्रमाण पत्र के लिए लोगों से 2700 से 3000 रुपए तक वसूल कर लिए गए। दिखने में यह लेटर पैड असली जैसा नजर आता है, मगर सच्चाई यह है कि यह लेटर पैड पूरी तरह से फर्जी है।
24 को जांच 25 को रिपोर्ट
दरअसल, नागौर चिकित्सा विभाग के ग्रामीण क्षेत्र के एक कर्मचारी को इस मामले की जानकारी मिली। उसने इसकी सूचना राजकीय बांगड़ अस्पताल प्रशासन को दी। आश्चर्यजनक बात तो यह है कि जिस व्यक्ति के नाम से लेटर पैड पर जांच होना बताया जाकर प्रमाण पत्र जारी किया गया है उस व्यक्ति के नाम की कोई जांच बांगड़ अस्पताल में हुई ही नहीं। इस प्रमाण पत्र में गणेशाराम नाम के मरीज की रिपोर्ट नेगेटिव बताई गई है और उसके सैंपल लेने की तारीख 24 अगस्त लिखी गई है। रिपोर्ट आने की तारीख 25 अगस्त लिखी हुई है, लेकिन रिपोर्ट में व्यक्ति के पिता और उसके गांव का कोई उल्लेख नहीं है।
बिना जांच के वसूले 27 सौ रुपए
इस रिपोर्ट के एवज में गणेशा राम से 2700 रुपए भी वसूले जा चुके हैं जबकि बांगड अस्पताल की जांच रिपोर्ट का वास्तविक परफॉर्मा इससे बिल्कुल भिन्न है। यही नहीं अस्पताल के रिकॉर्ड के अनुसार गणेशाराम नाम के किसी व्यक्ति की कोई जांच नहीं कि गई। इस संबंध में बांगड़ अस्पताल के लैब प्रभारी व जांच करने वाले कर्मचारियों ने पीएमओ को एक लिखित शिकायत दी है, जिसमें उन्होंने फर्जी प्रमाण पत्र जारी होने की सूचना पीएमओ को देकर कार्रवाई की मांग की है।
जांच के लिए कमेटी गठित
इस मामले की जानकारी मिलते ही अस्पताल प्रशासन और चिकित्सा विभाग में हड़कंप मच गया और जांच के लिए आंतरिक कमेटी का गठन कर दिया गया। पीएमओ डॉ जीके शर्मा का कहना है कि इस घटनाक्रम की सूचना मिली है कि किसी व्यक्ति द्वारा फर्जी तरीके से मेडिकल स्वास्थ्य परीक्षण किया जाकर कोविड-19 के फर्जी निगेटिव प्रमाण पत्र बांटे जा रहे हैं।
विभागीय स्तर पर होगी कार्रवाई
इस मामले में एक कमेटी बनाई गई है, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद विभागीय स्तर पर कार्रवाई की जाएगी और पुलिस में भी मामला दर्ज करवाया जाएगा। माना जा रहा है कि इस तरह के फर्जी प्रमाण पत्र विदेश जाने वाले यात्रियों को जारी किए जा रहे हैं, क्योंकि विदेश जाने के लिए यात्रियों को मेडिकल रिपोर्ट बनानी होती है।
72 घंटे पहले देते हैं ऐसी रिपोर्ट
यह रिपोर्ट यात्रा के 72 घंटे पहले स्वास्थ्य परीक्षण करके तैयार की जाती है, मगर बिना जांच के ही कुछ लोगों ने बांगड़ अस्पताल के पीएमओ के नाम से बने लेटर पैड पर फर्जी तरीके से कोविड-19 की जांच करने की रिपोर्ट तैयार करके लोगों को दे दी। इसके एवज में इन लोगों ने यात्रियों से 2700 से 3000 रुपए तक वसूले गए हैं।
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